राजस्थान, तिजारा – इंसान जब अंधविश्वास की गहरी दलदल में फंस जाए, तो रिश्तों का भी खून कर देता है। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला सामने आया है अलवर जिले के खैरथल तिजारा से, जहां एक चाचा ने अपनी ही पत्नी को वश में करने के लिए 6 साल के भतीजे की बलि चढ़ा दी।
मामले की जांच में जो सामने आया, उसने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया। आरोपी ने तांत्रिक के कहने पर मासूम की नृशंस हत्या की—क्योंकि तांत्रिक ने उसे ‘भोग’ के लिए बच्चे का कलेजा और खून लाने को कहा था।
गुमशुदगी से लेकर खुलासे तक: पूरे मामले की कहानी
19 जुलाई को मुंडावर थाना क्षेत्र में रहने वाले बिंटू प्रजापत ने पुलिस को अपने 6 साल के बेटे लोकेश की गुमशुदगी की रिपोर्ट दी। पुलिस ने तत्काल बच्चे की तलाश शुरू की। गांव की तलाशी के दौरान एक घर के भूसे (तूड़ी) के ढेर से बच्चे का शव बरामद हुआ।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि बच्चे के शरीर पर 25 से अधिक जगह सूई चुभोने के निशान थे, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि हत्या बेहद दर्दनाक और योजना के तहत की गई थी।
आरोपी निकला सगा चाचा, तांत्रिक से चल रही थी बात
जैसे-जैसे पुलिस जांच आगे बढ़ी, शक की सुई परिवार के ही सदस्य मनोज प्रजापत की ओर मुड़ी। उसके मोबाइल की कॉल डिटेल निकाली गई, जिसमें बार-बार तांत्रिक सुनील से बातचीत सामने आई।
सख्ती से पूछताछ में मनोज ने कबूल किया कि उसकी पत्नी लड़ाई के बाद उसे छोड़कर मायके चली गई थी। उसे वापस लाने के लिए वह खानपुर के तांत्रिक सुनील के पास गया। तांत्रिक ने दावा किया कि भोग लगाने से पत्नी वश में आ जाएगी—लेकिन इसके लिए 12,000 रुपये, एक बच्चे का खून और कलेजा लाने को कहा गया।
मासूम की बलि और कलेजा निकालने की तैयारी
मनोज ने यह सब पाने के लिए वह किया, जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। उसने अपने ही भतीजे लोकेश को गला घोंटकर मार डाला और शव को भूसे में छिपा दिया। योजना यह थी कि मौका मिलते ही शव से खून और कलेजा निकाल लेगा, लेकिन पुलिस ने उससे पहले ही लाश बरामद कर ली।
अब मनोज और तांत्रिक दोनों पुलिस की गिरफ्त में हैं। पुलिस का कहना है कि पूरे नेटवर्क की जांच की जा रही है, क्योंकि मामला सिर्फ अंधविश्वास का नहीं, बल्कि तंत्र-मंत्र के नाम पर फैले अपराध की गहरी जड़ें दिखा रहा है।