सीजी भास्कर 23 जून समाजवादी पार्टी ने अपने 3 बागी विधायकों को पार्टी से निकाल दिया है। समाजवादी पार्टी की तरफ से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी दी गई है। सपा की तरफ से कहा गया है कि पार्टी की मूल विचारधारा के खिलाफ जाने के कारण इन लोगों को निष्काषित किया गया है। सपा की तरफ से यह भी बताया गया है कि इन सभी विधायकों को हृदय परिवर्तन के लिए समय दिया गया था और यह समय खत्म होने के साथ ही पार्टी से इनकी सदस्यता आधिकारिक तौर पर खत्म कर दी गई है।
समाजवादी पार्टी के तीन विधायकों ने पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी। इसके बाद से तीनों विधायक पार्टी से अलग चल रहे थे। क्रॉस वोटिंग के बाद तीनों विधायक न तो सपा के किसी कार्यक्रम में जाते थे, न ही पार्टी ऑफिस पहुंचते थे। इसके बाद तीनों को पार्टी से निकाल दिया गया है।समाजवादी पार्टी ने क्या कहा?समाजवादी पार्टी की तरफ से एक्स पोस्ट में लिखा गया “समाजवादी सौहार्दपूर्ण सकारात्मक विचारधारा की राजनीति के विपरीत साम्प्रदायिक विभाजनकारी नकारात्मकता व किसान, महिला, युवा, कारोबारी, नौकरीपेशा और ‘पीडीए विरोधी’ विचारधारा का साथ देने के कारण, समाजवादी पार्टी जनहित में निम्नांकित विधायकों को पार्टी से निष्कासित करती है।
1. मा. विधायक गोशाईगंज अभय सिंह2. मा. विधायक गौरीगंज राकेश प्रताप सिंह3. मा. विधायक ऊंचाहार मनोज कुमार पाण्डेयइन लोगों को हृदय परिवर्तन के लिए दी गयी ‘अनुग्रह-अवधि’ की समय-सीमा अब पूर्ण हुई, शेष की समय-सीमा अच्छे व्यवहार के कारण शेष है। भविष्य में भी ‘जन-विरोधी’ लोगों के लिए पार्टी में कोई स्थान नहीं होगा और पार्टी के मूल विचार की विरोधी गतिविधियां सदैव अक्षम्य मानी जाएंगी। जहां रहें, विश्वसनीय रहें।”सपा के 7 विधायकों ने की थी क्रॉस वोटिंग2024 में उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव हुआ था। इस दौरान समाजवादी पार्टी के सात विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की थी।
वहीं, एक विधायक मतदान के लिए नहीं पहुंचा था। इससे समाजवादी पार्टी को नुकसान हुआ था। राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने आठ और समाजवादी पार्टी ने तीन उम्मीदवार उतारे थे। सपा उम्मीदवार के लिए जीत की राह बीजेपी के आठवें उम्मीदवार के मुकाबले आसान थी, लेकिन सात विधायकों ने बीजेपी के उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर दिया। इस वजह से बीजेपी उम्मीदवार को जीत मिली थी।अब तीनों विधायकों के बारे में जानिए…राकेश प्रताप सिंह अमेठी के गौरीगंज से विधायक राकेश प्रताप सिंह समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेताओं में गिने जाते थे।
वह 2012 से लगातार विधायक बनते आ रहे हैं। 2021 में उन्होंने विधायकी से इस्तीफा भी दे दिया था। इस समय उन्होंने कहा था कि चुनी हुई सरकार ने अपने वादे पूरे नहीं किए हैं। इस वजह से वह इस्तीफा दे रहे हैं। राकेश प्रताप सिंह की गिनती सपा प्रमुख अखिलेश यादव के करीबियों में होती थी। 2023 में उन्हें मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी अहम जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन 2024 में पार्टी लाइन से अलग वोट कर उन्होंने पार्टी आलाकमान से अपने रिश्ते खराब किए। अब वह पार्टी से बाहर हो चुके हैं। आगामी चुनाव से पहले वह बीजेपी से जुड़ सकते है