सीजी भास्कर, 13 जून। Chhattisgarh DEO Suspended : अभद्रता, धमकी देने के अलावा हाई व हायर सेकेंडरी बोर्ड परीक्षा के संचालन में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप में राज्य शासन ने सारंगढ़-बिलाईगढ़ के प्रभारी डीईओ एल.पी. पटेल को निलंबित (Sarangarh DEO Suspended) कर दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ को जिला शिक्षा अधिकारी, सारंगढ-बिलाईगढ़ का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।
राज्य शासन द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि छग माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर द्वारा आयोजित हायर सेकेंडरी परीक्षा 01 मार्च से 28 मार्च 2025 तक एवं हाईस्कूल की परीक्षा 03 मार्च से 24 मार्च 2025 तक आयोजित की गई थी। परीक्षा के सफल संचालन, अनुचित साधनों की रोकथाम एवं आवश्यक व्यवस्था बनाए रखने हेतु कलेक्टर जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ द्वारा जिला स्तरीय उड़नदस्ता दल का गठन किया गया था।
एल.पी. पटेल, प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ द्वारा कलेक्टर के बिना अनुमोदन, निर्देश प्राप्त किए बिना ही उड़नदस्ता दल में परिवर्तन और संशोधन किया गया। साथ ही तत्कालीन प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी को धमकी देने, अभद्रता (गाली-गलौज), वेतन आहरण न करने तथा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने की शिकायत के संबंध में कारण बताओ सूचना पत्र का जवाब भी नहीं दिया गया।
उक्त संबंध में कलेक्टर, सारंगढ़-बिलाईगढ़ द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, किन्तु एल.पी. पटेल द्वारा प्रस्तुत प्रतिवाद उत्तर संतोषप्रद नहीं पाया गया। एल.पी. पटेल का यह कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम-3 के विपरीत तथा कदाचार की श्रेणी में आता है।
राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के अंतर्गत एल.पी. पटेल को तत्काल प्रभाव से निलंबित (Sarangarh DEO Suspended) किया गया है तथा निलंबन अवधि में उनका मुख्यालय संभागीय संयुक्त संचालक, शिक्षा संभाग, बिलासपुर नियत किया गया है। निलंबन की अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता देय होगा।
चहेते शिक्षकों को बचाने खेला खेल (Sarangarh DEO Suspended)
सारंगढ़ के डीईओ एल.पी. पटेल का नाम युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया में भी विवादों में रहा है। आरोप है कि उन्होंने चहेते जूनियर शिक्षकों को बचाने के लिए नियमों की अनदेखी करते हुए सीनियर शिक्षकों को अतिशेष की सूची में डाल दिया।
युक्तियुक्तकरण के नियमानुसार जिन शिक्षकों की परिवीक्षा अवधि पूर्ण नहीं हुई है, उन्हें अतिशेष की सूची से बाहर रखा जाना चाहिए। इसी प्रावधान का उपयोग करते हुए एल.पी. पटेल ने उन शिक्षकों को भी परिवीक्षा अवधि में बताया जिनका तीन वर्ष की सेवा अवधि मार्च में पूरी हो चुकी थी।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी, बिलाईगढ़ द्वारा ऐसे 26 सहायक शिक्षकों की सूची जिला शिक्षा अधिकारी को भेजी गई थी, जिनका नियमितीकरण प्रस्ताव लंबित था। लेकिन एल.पी. पटेल ने उनका नियमितीकरण आदेश जारी नहीं किया, जिससे वे अभी भी परिवीक्षा अवधि में माने जा रहे हैं और इस प्रकार से जूनियर शिक्षकों को संरक्षण दिया गया।
नियमों के विरुद्ध आदेश जारी किया गया (Sarangarh DEO Suspended)
एल.पी. पटेल पर यह भी आरोप है कि उन्होंने अपनी निलंबित पत्नी के पदस्थापन में नियमों का उल्लंघन किया। स्वयं ही संशोधित आदेश जारी कर उन्हें स्वामी आत्मानंद स्कूल में पदस्थ करवा दिया, जबकि डीईओ को ऐसा करने का कोई वैधानिक अधिकार नहीं है। यह पदस्थापना नियम विरुद्ध रूप से की गई थी।