सीजी भास्कर, 31 जुलाई : सरगुजा जिले में जंगली हाथियों का उत्पात थमने का नाम नहीं ले रहा। बीते 24 घंटों के भीतर दो महिलाओं समेत कुल चार ग्रामीणों की जान चली गई। लुंड्रा वन परिक्षेत्र में दल से बिछड़ा एक हाथी तीन ग्रामीणों को कुचलकर मौत के घाट उतार गया। वहीं सीतापुर वन क्षेत्र के देवगढ़ गांव में दो हाथियों ने मिलकर एक अन्य ग्रामीण की जान ले ली। वन विभाग की ओर से हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए कर्मचारियों को तैनात किया गया है। प्रभावित गांवों में दहशत का माहौल है।
बलरामपुर जिले के राजपुर क्षेत्र से भटककर आया एक हाथी लुंड्रा के जंगलों में घूम रहा है। बुधवार सुबह यह हाथी सेमरडीह गांव के बकिला स्कूलपारा में पहुंचा। यहां रहने वाले नेहरू पैकरा और उनकी पत्नी सनमेत पैकरा ने हाथी को देख शोर मचाया और घर से बाहर सुरक्षित स्थान की ओर भागने लगे। लेकिन हाथी ने सामने आकर महिला को कुचल दिया, जिससे उसकी मौके पर ही मृत्यु हो गई।
हाथी के पहले हमले के बाद भी उसकी उचित निगरानी नहीं की गई, नतीजतन शाम को यह हाथी बेवरा (नवापारा चिरगा) गांव जा पहुंचा, जहां उसने पिता-पुत्री को अपना शिकार बना लिया। मृतक राम (62) अपनी बेटी प्यारी (35) के साथ धान रोपाई कर लौट रहे थे, तभी जंगल की ओर से आए हाथी से आमना-सामना हो गया। दोनों की घटनास्थल पर ही जान चली गई।
उधर, सीतापुर वन परिक्षेत्र के देवगढ़ गांव में बुधवार सुबह दो हाथियों ने खेत की ओर जा रहे मोहरलाल (55) पर हमला कर दिया। अचानक हुए इस हमले में मोहरलाल की भी मौके पर ही मौत हो गई। ये हाथी जशपुर की सीमा पार कर सरगुजा में दाखिल हुए हैं और घासीडीह, पेटला, ललितपुर, काराबेल होते हुए देवगढ़ पहुंचे थे। लामडांड के पास फूलचंद के खेत में ही मोहरलाल मौजूद था, जो भाग नहीं सका और कुचल दिया गया।
बताया जा रहा है कि बीते दिनों यही दोनों हाथी पत्थलगांव के एक स्कूल परिसर में भी दाखिल हुए थे। अब वे देवगढ़ के समीप जंगल में छिपे हुए हैं। मृतकों के परिजनों को मुआवजा राशि प्रदान की गई है। वन विभाग की टीमें ग्रामीणों को सतर्क करने और हाथियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए लगातार क्षेत्र में भ्रमण कर रही हैं।