सीजी भास्कर, 17 अप्रैल। एक सात साल का बच्चा दर्शन कर लौट रहा था। तभी उस पर एक टाइगर ने हमला कर दिया। हमले में बच्चे की मौत हो गई। यह घटना राजस्थान के सवाई माधोपुर के रणथंभौर नेशनल पार्क के बीच किले में स्थित त्रिनेत्र गणेश मंदिर क्षेत्र की है।
घटना की जानकारी मिलते ही वन विभाग का अमला मौके पर दौड़ पड़ा। वहीं घटना से समूचे सवाई माधोपुर में शोक के साथ आक्रोश की लहर है। ये घटना बुधवार को घटी। बुधवार को अन्य दिनों की तुलना में रणथंभोर त्रिनेत्र गणेश मंदिर में ज्यादा भीड़ थी।
हजारों की तादाद में लोग मंदिर में दर्शन करने पहुंचे थे। भीड़ के कारण रास्ते में भी कई जगह जाम के हालात थे. तभी मंदिर से दर्शन करके वापस लौट रहे एक 7 साल के बच्चे पर अचानक झाड़ियां की ओट में छिपे हुए एक टाइगर ने हमला कर दिया।
गर्दन पकड़कर खींच ले गया टाइगर : बच्चा अपनी दादी के साथ चल रहा था। टाइगर ने पंजा बच्चे के सिर पर मारा और उसकी गर्दन पकड़कर खींच कर ले जंगल में ले गया। मौके पर मौजूद लोगों में घटना को लेकर कोहराम मच गया। जंगल मे टाइगर बच्चे का शव अपने पंजे में दबाकर बैठा रहा।
वन विभाग की टीम मौके पर दौड़ी : टाइगर से मृत बच्चे के शव को छुड़ाया गयालोगों की भीड़ भी मौके पर जमा हो गई। वन विभाग ने रणथंभोर त्रिनेत्र गणेश मंदिर जाने वाले मुख्य मार्ग को गणेश धाम पर ही बंद कर दिया। फिर वन विभाग के टीम ने बड़ी मशक्कत के बाद टाइगर के कब्जे से मृत बच्चे के शव को छुड़ाया और अस्पताल की मोर्चरी में पहुंचाया। वहीं टाइगर के हमले में मारा गया बच्चा 7 वर्षीय बालक कार्तिक सुमन बूंदी जिले के देईखेड़ा थाना क्षेत्र के गोहटा गांव का निवासी था।
दादी और चाचा के साथ आया था बच्चा : कार्तिक सुमन दादी और चाचा के साथ रणथंभौर त्रिनेत्र गणेश मंदिर में दर्शन करने के लिए आया था।
उसकी दादी ने बताया कि दर्शन करने के उपरांत उसने बड़े ही चाव से रणथंभोर दुर्ग में अपनी तस्वीरे भी खिंचवाई थी और कहा था कि यह सब तस्वीरें वो अपनी मां और पापा को घर घर जाकर दिखाएगा, लेकिन होनी को कुछ और ही मंजूर था।
दर्शन करके मासूम टाइगर के शिकार का निवाला बन गया और घर पहुंच नहीं सका। हमला करने वाले टाइगर की पहचान भी अभी नहीं हो सकी है। इस दौरान वन विभाग की संवेदनहीनता भी दिखी। वन विभाग का कोई अधिकारी अस्पताल की मोर्चरी पर संवेदना व्यक्त करने तक नहीं पहुंचा।
वहीं घटना की जानकारी मिलते ही कृषि मंत्री डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा अस्पताल की मोर्चरी पहुंचे, जहां पर उन्होंने घटना की पूरी जानकारी ली और मृतक के परिजनों को ढांढस बंधाया।
मुआवजा दिलवाने का दिया आश्वासन : डॉक्टर किरोड़ी लाल मीणा ने इस अवसर पर वन विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि रणथंभोर दुर्ग में और रास्ते पर लगातार पिछले डेढ़ माह से टाइगर्स का मूवमेंट है, लेकिन वन विभाग ने दुर्ग के रास्ते अब तक भी बंद नहीं किए।
उन्होंने घटना पर खेद व्यक्त किया। साथ ही उन्होंने मृतक परिवार को आर्थिक मुआवजा दिलवाने का आश्वासन दिया।