उज्जैन, मध्य प्रदेश – सावन के तीसरे सोमवार को धर्म नगरी उज्जैन एक बार फिर शिवभक्ति की गूंज से जाग उठी। श्री महाकालेश्वर मंदिर में हुई भस्म आरती के अद्भुत नजारे ने श्रद्धालुओं को दिव्य अनुभूति दी। आज महाकाल भगवान ने श्री गणेश के स्वरूप में दर्शन दिए, जिसने श्रद्धालुओं की आस्था को और प्रगाढ़ कर दिया।
भारी बारिश के बावजूद आज तड़के 2:30 बजे से मंदिर परिसर में हजारों श्रद्धालु जुट चुके थे। ‘जय श्री महाकाल’ और ‘हर हर महादेव’ के नारों के बीच मंदिर का वातावरण आध्यात्मिक ऊर्जा से भर उठा।
पंचामृत से अभिषेक, फिर गणेश रूप में श्रृंगार
मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित आशीष शर्मा ने जानकारी दी कि भस्म आरती से पहले बाबा महाकाल का पारंपरिक पंचामृत स्नान हुआ — जिसमें दूध, दही, घी, शक्कर और शहद शामिल रहे। इसके पश्चात बाबा का श्रृंगार भगवान श्री गणेश के रूप में किया गया।
पुजारी ने बताया कि आज चतुर्थी तिथि होने के कारण विशेष गणेश स्वरूप दर्शन का आयोजन किया गया था, जो मंदिर परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इसके बाद महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा बाबा को भस्म अर्पित की गई।
गुजरात-महाराष्ट्र से उमड़ा श्रद्धा का सैलाब
महाकाल की महिमा सिर्फ मध्य प्रदेश तक सीमित नहीं है। गुजरात और महाराष्ट्र में आज से श्रावण माह की शुरुआत मानी जाती है। चूंकि मंदिर की पूजा पद्धति महाराष्ट्र के पंचांग के अनुसार होती है, इसीलिए इन राज्यों से हजारों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे और बाबा महाकाल के दर्शन कर पुण्य लाभ लिया।
आज निकलेगी महाकाल की तीसरी सवारी
सावन-भादों मास में बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। आज शाम 4 बजे तीसरी सवारी मंदिर से रवाना होगी, जो पारंपरिक मार्गों से गुजरते हुए रामघाट पहुंचेगी। यहां मां शिप्रा के जल से बाबा का पूजन होगा।
इस बार सवारी में बाबा के 3 स्वरूपों के दर्शन होंगे:
- पालकी में चंद्रमोलेश्वर
- हाथी पर मनमहेश स्वरूप
- गरुड़ पर शिव तांडव रूप
पुलिस बैंड और परंपरागत नगाड़े सवारी का नेतृत्व करेंगे, जो शाम होते-होते मंदिर वापसी करेगी।