सीजी भास्कर, 13 अगस्त : रायगढ़ कलेक्टर मयंक चतुर्वेदी के निर्देशन में स्कूली वाहनों की सतत जांच अभियान के तहत परिवहन उडनदस्ता दल ने 11 से 13 अगस्त के बीच व्यापक जांच की। इस दौरान 10 बसों का फिटनेस प्रमाणपत्र वैध नहीं पाया गया, जिन पर कुल 38,000 रुपए की चालानी कार्रवाई हुई (School Bus Safety)। साथ ही दो बसों से 55,989 रुपए का बकाया मोटरयान कर वसूला गया। कार्रवाई जिन स्कूलों की बसों पर हुई, उनमें एरिसेन्ट एजुकेशन सोसायटी, डिवाइन लाइफ स्कूल, ज्ञान धारा एजुकेशन, एकेडमिक ब्राइट पब्लिक स्कूल और राइजिंग किड्स हायर सेकेंडरी स्कूल शामिल हैं।
स्कूल बस सुरक्षा मानकों (School Bus Safety) के अनुपालन की पृष्ठभूमि में, सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 16 बिंदुओं की जांच सुनिश्चित करने के लिए जिला परिवहन कार्यालय ने 21, 22 और 29 जून को मिनी स्टेडियम में विशेष निरीक्षण शिविर लगाए थे। इसके बावजूद कई स्कूल बसें जांच के लिए उपस्थित नहीं हुईं। कलेक्टर के निर्देश पर ऐसी 106 अनुपस्थित बसों को वाहन पोर्टल पर ब्लैकलिस्ट किया गया है र उडनदस्ता दल को सघन निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि बच्चों की सुरक्षा सर्वोपरि है और किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा। सभी स्कूल प्रबंधन को अपनी बसों में फिटनेस प्रमाणपत्र, परमिट, वैध बीमा, स्पीड गवर्नर, फर्स्ट-एड बॉक्स, फायर एक्सटिंग्विशर, महिला अटेंडेंट, बस में ‘स्कूल बस’ लिखावट, आपातकालीन नंबर, जीपीएस/सीसीटीवी (जहां लागू) सहित अन्य आवश्यकताओं का पालन करवाना होगा। अनुपालन न होने पर चालान, कर वसूली, परमिट निलंबन और ब्लैकलिस्टिंग जैसी कार्रवाइयाँ जारी रहेंगी (Compliance Drive)।
जिला प्रशासन ने अभिभावकों से भी अपील की है कि वे बच्चों के स्कूल समय में बस व्यवस्था की अनियमितता दिखे तो तुरंत जिला परिवहन कार्यालय या स्कूल प्रबंधन को सूचित करें। कलेक्टर ने जिला परिवहन अधिकारी और उडनदस्ता दल को निर्देश दिए हैं कि सुबह-शाम स्कूल समय में आकस्मिक जांच बढ़ाई जाए, तथा जिन बसों के दस्तावेज जल्द समाप्त होने वाले हैं, उन्हें पूर्व सूचना देकर समय पर नवीनीकरण सुनिश्चित कराया जाए। प्रशासन का कहना है कि हालिया कार्रवाई दंडात्मक के साथ-साथ सुधारात्मक भी है—उद्देश्य सभी स्कूल बसों को मानक के दायरे में लाना, बच्चों की सुरक्षित आवागमन व्यवस्था और भविष्य में शून्य-दुर्घटना लक्ष्य हासिल करना है।