सीजी भास्कर, 29 मई : छत्तीसगढ़ के शिक्षा विभाग में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (School Teacher Deployment) की यह प्रक्रिया पूरी तरह शिक्षा के अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के दिशानिर्देशों के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य स्कूलों में शिक्षकों की न्यायसंगत ढंग से उपलब्धता सुनिश्चित करना है।
युक्तियुक्तकरण (School Teacher Deployment) के तहत केवल उन्हीं स्कूलों की समीक्षा की जा रही है, जहां एक ही प्राथमिक विद्यालय में विद्यार्थियों की उपस्थिति के आधार पर अधिक शिक्षक होने पर अतिशेष शिक्षकों को दूसरे विद्यालय में पदस्थ किया जाएगा।
जिला शिक्षा अधिकारी सरगुजा से प्राप्त जानकारी के अनुसार विकासखंड बतौली के शासकीय प्राथमिक शाला साजाभावना संचालित है, जिसकी दर्ज संख्या शून्य है, जहां एक सहायक शिक्षक कार्यरत हैं।
इसी प्रकार बतौली विकासखण्ड में शा.प्रा.शाला हर्राटिकरा संचालित है, जिसकी दर्ज संख्या शून्य है, जहां एक प्रधान पाठक तथा दो सहायक शिक्षक कार्यरत हैं। उपरोक्त्त विद्यालयों में दर्ज संख्या शून्य होने से इनकी प्रासंगिकता समाप्त होने से ऐसे विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को अन्य आवश्यकता वाले विद्यालयों में पदस्थ करने हेतु युवित्तयुक्तकरण की कार्यवाही की जा रही है।
शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि युक्तियुक्तकरण (School Teacher Deployment) केवल एक प्रशासनिक प्रक्रिया नहीं है, बल्कि इसका मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित कराना है और जरूरत वाली शालाओं में शिक्षक उपलब्ध कराना एवं शिक्षा प्रणाली को अधिक न्यायसंगत बनाना है। शिक्षा विभाग की यह पहल राज्य में शिक्षा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और विद्यार्थियों को समुचित शैक्षणिक संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में एक ठोस और दूरदर्शी कदम है।