सीजी भास्कर, 10 नवंबर। बिलासपुर जिले के तखतपुर ब्लाक में शिक्षा का मंदिर उस समय शर्मसार हो गया जब शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खपरी के प्रधान पाठक परदेशीलाल पटेल ने कक्षा सातवीं और आठवीं के छात्रों से स्कूल समय में गिट्टी, रेत और सीमेंट ढुलवाकर फर्श की ढलाई करवाई। जांच में मामला सही पाए जाने पर संयुक्त संचालक शिक्षा विभाग ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित (School Teacher Suspended) कर दिया है।
विकासखंड शिक्षा अधिकारी के आकस्मिक निरीक्षण के दौरान यह मामला सामने आया। उनकी रिपोर्ट पर जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर ने कार्रवाई की अनुशंसा की थी। संयुक्त संचालक कार्यालय से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया कि 19 अक्टूबर को सुबह 10 बजे विद्यालय समय में प्रधान पाठक छात्रों से श्रम करा रहे थे। इसे शासन के आदेश की खुली अवहेलना और प्रधान पाठक की स्वेच्छाचारिता माना गया है।
शिक्षा विभाग ने इस कृत्य को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम, 1965 के नियम-3 का उल्लंघन बताते हुए गंभीर लापरवाही की श्रेणी में रखा है। जब जांच टीम ने छात्रों से पूछताछ की तो उन्होंने आरोपों की पुष्टि की। (Bilaspur Education News) रिपोर्ट में कहा गया कि छात्रों से इस तरह का शारीरिक श्रम करवाना न केवल उनके मौलिक अधिकारों का हनन है, बल्कि शिक्षा विभाग की जीरो टॉलरेंस नीति के भी विपरीत है।
(School Teacher Suspended) इस नियम का हुआ उल्लंघन
प्रधान पाठक परदेशी लाल पटेल ने बाल श्रम अधिनियम का उल्लंघन करते हुए, पढ़ाई के समय बच्चों से निर्माण कार्य करवाया। जांच रिपोर्ट के अनुसार, वे छात्रों से सीमेंट, रेत और गिट्टी का मसाला बनवाते हुए पाए गए। (Child Labour in School) जिला प्रशासन ने इसे गंभीर अनुशासनहीनता माना है। आदेश में उल्लेख किया गया है कि सरकारी कर्मचारी को हर समय ईमानदारी और सत्यनिष्ठा बनाए रखनी चाहिए और ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जो सरकारी सेवा के लिए अशोभनीय हो।
जांच रिपोर्ट में कहा गया कि इस कृत्य से शिक्षा व्यवस्था की साख को ठेस पहुंची है। निलंबन आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है और परदेशी लाल पटेल का मुख्यालय विकासखंड शिक्षा अधिकारी तखतपुर कार्यालय निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्राप्त होगा।
छात्रों ने सुनाई सच्चाई
जांच दल ने कक्षा 7वीं और 8वीं के विद्यार्थियों से पूछताछ की। बच्चों ने बताया कि प्रधान पाठक ने उन्हें खुद फर्श का काम करने के लिए कहा था। वे स्कूल समय में मिट्टी, गिट्टी और सीमेंट ढो रहे थे। यह बयान निलंबन की निर्णायक वजह बना। शिक्षा विभाग ने सभी स्कूलों को निर्देश जारी करते हुए कहा है कि शिक्षकों द्वारा छात्रों से किसी प्रकार का श्रम कार्य करवाया जाना दंडनीय अपराध माना जाएगा। जिले के सभी बीईओ को ऐसे मामलों की सघन निगरानी करने को कहा गया है।
