सीजी भास्कर, 07 जुलाई। Serial Killer Taxi Drivers India : टैक्सी चालकों की हत्या कर उन्हें पहाड़ से नीचे फेंकने वाला सीरियल किलर और गिरोह का सरगना अजय लांबा को पुलिस ने लगभग 25 साल बाद गिरफ्तार किया है।
दिल्ली के कृष्णा नगर का रहने वाला अजय लांबा गिरोह के सदस्यों के साथ मिलकर पहले टैक्सी बुक करता था। इसके बाद चालक से लूटपाट कर उसकी गला घोंटकर हत्या कर देता था। शव की पहचान न हो, इसके लिए वह शव को पहाड़ से नीचे फेंक देता था।
गिरोह के सदस्य लूटी गई टैक्सी को नेपाल में बेचते थे। गिरोह के दो सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं और आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं।
पुलिस के अनुसार, अजय लांबा पर दिल्ली और उत्तराखंड में चार मामले दर्ज हैं। पुलिस उसकी पूछताछ कर यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसने अब तक कितने कैब चालकों की हत्या की है।
इस गिरोह का एक सदस्य अभी भी फरार (Serial Killer Taxi Drivers India)है। क्राइम ब्रांच के उपायुक्त आदित्य गौतम ने बताया कि इंस्पेक्टर राकेश कुमार और अनुज कुमार की टीम को इस मामले में सजा काट रहे गिरोह के सदस्यों ने ही अजय लांबा के बारे में जानकारी दी थी।
इसके बाद क्राइम ब्रांच ने अन्य स्रोतों से भी जानकारी जुटाई और अजय को इंडिया गेट के पास से गिरफ्तार किया, जब वह एनडीपीएस एक्ट के मामले में अदालती कार्यवाही के लिए आ रहा था। इससे पहले विकास पुरी पुलिस स्टेशन ने उसे बंसी उपनाम से भगोड़ा घोषित किया था।
बाद में उसने 1996 में अपना नाम बदलकर अजय लांबा रख लिया और बरेली चला (Serial Killer Taxi Drivers India)गया। वहां धीरेंद्र, धीरज और दिलीप नेगी के साथ मिलकर उसने टैक्सी किराए पर लेकर चालकों की हत्या कर लूटे गए वाहनों को नेपाल में बेचने का धंधा शुरू किया।
अजय 1999-2001 के बीच दिल्ली, हल्द्वानी, अल्मोड़ा, लोहाघाट और चंपावत में इसी तरह के चार मामलों में शामिल था।
सौ किलो गांजा के साथ किया गया था गिरफ्तार
अजय लांबा 2008 से 2018 तक नेपाल में रहा और फिर अपने परिवार के साथ देहरादून चला गया। 2020 में वह ओडिशा से दिल्ली सहित भारत के अन्य हिस्सों में गांजे की आपूर्ति करने लगा।
2021 में उसे दिल्ली के सागरपुर थाने में एनडीपीएस एक्ट के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था, जब उसके पास सौ किलो गांजा बरामद हुआ (Serial Killer Taxi Drivers India)था।
इस मामले में वह एक वर्ष जेल में रहा, लेकिन जमानत पर छूट गया। 2024 में ओडिशा के बेहरामपुर में अपने साथियों के साथ मिलकर अजय ने एक आभूषण की दुकान में डकैती डाली थी। गिरफ्तारी के दौरान उसने टैक्सी चालकों की हत्या के बारे में किसी को नहीं बताया था।