सीजी भास्कर 21 नवम्बर बेंगलुरु के अनेकल क्षेत्र में एक महिला ने आरोप लगाया कि उसकी अल्ट्रासाउंड जांच के दौरान उसके साथ sexual harassment during ultrasound किया गया। पीड़िता का कहना है कि स्कैनिंग रूम में मौजूद रेडियोलॉजिस्ट ने चिकित्सीय प्रक्रिया का हवाला देकर उसके प्राइवेट पार्ट को गलत नीयत से छुआ। घटना लगभग दस दिन पुरानी बताई जा रही है, लेकिन इसकी गंभीरता अब सामने आई है।
जांच के बहाने छूने की कोशिश, महिला का विरोध
महिला ने बताया कि पेट दर्द की शिकायत पर वह पास के एक डायग्नोस्टिक सेंटर में अल्ट्रासाउंड कराने गई थी। स्कैनिंग मशीन चालू थी, लेकिन कुछ देर बाद रेडियोलॉजिस्ट ने उसकी सहमति के बिना अनुचित तरीके से स्पर्श किया। विरोध करने पर उसने महिला को डराने की कोशिश भी की। यह पूरा मामला एक बंद कमरे में हुआ, जहां कोई अन्य स्टाफ मौजूद नहीं था। यह घटना misconduct in medical room का सीधा उदाहरण है।
sexual harassment during ultrasound : शिकायत के बावजूद कार्रवाई नहीं, लोग भड़के
घटना के बाद पीड़िता ने नजदीकी थाने में शिकायत दर्ज कराई, लेकिन आरोप है कि शुरुआती स्तर पर पुलिस ने कोई सख्त कदम नहीं उठाया। आरोपी को थाने बुलाकर पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया। स्थानीय लोगों में पुलिस की इस कार्रवाई को लेकर नाराज़गी फैल गई। लोगों ने थाने के बाहर प्रदर्शन किया और मांग की कि doctor-patient safety violation जैसे मामलों को हल्के में न लिया जाए।
बढ़ते विरोध के बाद रेडियोलॉजिस्ट गिरफ्तार
प्रदर्शन के चलते पुलिस पर कार्रवाई का दबाव बढ़ा और अंततः आरोपी रेडियोलॉजिस्ट को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। पुलिस का कहना है कि उसे महिला के बयान, स्कैनिंग रूम की स्थिति और अन्य साक्ष्यों के आधार पर पकड़ा गया है। शुरुआती जांच में कुछ ऐसे तथ्य सामने आए हैं जो बताते हैं कि यह ultrasound room misconduct अकेली घटना नहीं हो सकती। जांच टीम अब यह भी पता लगा रही है कि क्या और भी महिलाएं ऐसी हरकतों का शिकार हुई हैं।
sexual harassment during ultrasound : महिला और स्थानीय लोगों ने सख्त कार्रवाई की मांग की
घटना के बाद पूरे इलाके में गुस्सा साफ दिख रहा है। महिला का कहना है कि स्वास्थ्य सेवाओं में विश्वास तभी लौटेगा जब ऐसे मामलों में कड़ी सज़ा दी जाए। लोगों की भी यही मांग है कि जांच निष्पक्ष हो और मेडिकल संस्थानों में सुरक्षा मानकों को और कड़ा किया जाए।
