सीजी भास्कर 30 जुलाई
नई दिल्ली: संसद में हाल ही में संपन्न हुई ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के दौरान सोलापुर से कांग्रेस सांसद प्रणीति शिंदे का बयान सुर्खियों में आ गया है। उन्होंने इस सैन्य कार्रवाई को एक “मीडिया तमाशा” करार देते हुए सीधे तौर पर केंद्र सरकार की मंशा और पीआर रणनीति पर सवाल उठा दिए।
संसद में हंगामा, फिर बयान हटाया गया
लोकसभा में हुई बहस के दौरान प्रणीति शिंदे ने कहा कि “ऑपरेशन सिंदूर एक सफल सैन्य मिशन कम और मीडिया शो ज्यादा था।” इस टिप्पणी के बाद सदन में भारी हंगामा हुआ और अंततः यह टिप्पणी कार्यवाही से हटा दी गई। हालांकि प्रणीति अपने बयान पर अडिग नजर आईं।
“26 परिवारों से माफ़ी, लेकिन ट्रोल्स से नहीं”: शिंदे का स्पष्ट जवाब
प्रणीति शिंदे ने बाद में स्पष्ट किया,
“अगर मेरे बयान से उन 26 शहीद परिवारों को ठेस पहुँची है, तो हम 1000 बार माफ़ी मांगने को तैयार हैं। लेकिन हम बीजेपी के ट्रोल्स और अंधभक्तों से कोई माफ़ी नहीं माँगेंगे।”
उनका आरोप है कि सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर को एक राजनीतिक स्टंट और पीआर एक्सरसाइज के तौर पर इस्तेमाल किया, जबकि असल सवाल — पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों की गिरफ्तारी — आज भी अनुत्तरित है।
“दुख शहीदों का, गुस्सा सरकार पर”: विपक्ष का रुख
शिंदे ने कहा कि पहलगाम हमले में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं और जवानों के परिवारों के प्रति उन्हें गहरा दुख है, लेकिन यह भी जरूरी है कि सरकार अपनी जवाबदेही तय करे।
“नाम सुनने में देशभक्ति लगता है, लेकिन असल में यह ऑपरेशन केवल एक तमाशा बन कर रह गया,” उन्होंने संसद में कहा।
कौन हैं प्रणीति शिंदे?
प्रणीति शिंदे, पूर्व केंद्रीय गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे की बेटी हैं और महाराष्ट्र की राजनीति में एक जानी-पहचानी चेहरा हैं। वर्ष 2024 में उन्होंने सोलापुर लोकसभा सीट से जीत दर्ज की थी। इससे पहले वे तीन बार महाराष्ट्र विधानसभा की सदस्य रह चुकी हैं।