CG BhaskarCG Bhaskar
Aa
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य
Aa
CG BhaskarCG Bhaskar
Search
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य
Follow US
Home » शिवाजी की तुलना औरंगजेब से नहीं हो सकती : डॉ रमन सिंह

शिवाजी की तुलना औरंगजेब से नहीं हो सकती : डॉ रमन सिंह

By Newsdesk Admin 11/05/2025
Share

स्पीकर ने किया कोसल के क्रांतिवीर का विमोचन

सीजी भास्कर, 11 मई। छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ और पश्चिम ओड़िशा के क्रांतिकारियों के योगदान पर केंद्रित पुस्तक “कोसल के क्रांतिवीर” का विमोचन किया।

Contents
स्पीकर ने किया कोसल के क्रांतिवीर का विमोचनया तो छोड़ दिया या तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया…युद्ध विराम की जानकारी

समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ इतिहासकार और पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय रायपुर के सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मीशंकर निगम ने की।

महासमुंद की लोकसभा सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी और विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा विशेष अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह ने अपने सम्बोधन में पुस्तक प्रकाशन के लिए इसके लेखक महासमुन्द क्षेत्र के पूर्व लोकसभा सांसद चुन्नीलाल साहू को बधाई दी।

उल्लेखनीय है कि आजादी के बहुत पहले छत्तीसगढ़ और पश्चिम ओड़िशा को कोसल प्रदेश के नाम से भी जाना जाता था।

डॉ. सिंह ने पुस्तक कोसल के क्रांतिवीर को इतिहास की दृष्टि से बहुत तथ्यात्मक और महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ और पश्चिम ओड़िशा के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित होगी। डॉ. सिंह ने स्वतंत्रता संग्राम के कठिन दौर में छत्तीसगढ़ में ईस्ट इंडिया कम्पनी की अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ समय-समय पर हुए जन-संघर्षो का उल्लेख किया। 

उन्होंने कहा कि 1857 से पहले ही छत्तीसगढ़ में क्रांति की चिंगारी सुलग उठी थी, जब 1792 में सरगुजा के अजीत सिंह ने ईस्ट इंडिया कम्पनी के खिलाफ विद्रोह किया था।

उन्होंने वर्ष 1818 में सोनाखान के जमींदार वीर नारायण सिंह के पिता राम राय, 1825 में परलकोट (पखांजूर) के जमींदार गैंद सिंह और वर्ष 1857 में वीर नारायण सिंह के संघर्ष और बलिदान को तथा वर्ष 1910 में बस्तर के गुण्डाधुर जैसे महान क्रांतिकारियों के योगदान को भी याद किया।

या तो छोड़ दिया या तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया…

डॉक्टर रमन ने कहा कि इतिहास की किताबों में अनेक ऐतिहासिक तथ्यों को या तो छोड़ दिया गया है या इतिहास को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है। यही कारण है कि इतिहास की पुस्तकों में आज भी अकबर महान है। वास्तविकता तो यह है कि महाराणा प्रताप की तुलना न अकबर से हो सकती है और न ही छत्रपति शिवाजी की तुलना औरंगजेब से हो सकती है।

डॉ. सिंह ने कहा कि एक अच्छे सांसद और अच्छे विधायक रहे श्री साहू अब एक अच्छे लेखक भी साबित हुए हैं। उन्होंने इस पुस्तक को तैयार करने के लिए काफी रिसर्च किया है, बड़ी मेहनत की है और लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाई है।

पुस्तक में वर्ष 1857 के संग्राम के दौरान सोनाखान (छत्तीसगढ़) के वीर नारायण सिंह और पश्चिम ओड़िशा के बरगढ़ जिले में स्थित घेस जमींदारी के माधो सिंह बरिहा और सम्बलपुर के वीर सुरेन्द्र साय के बलिदान के साथ-साथ इन क्रांतिकारियों के परिवारजनों द्वारा भी अपने प्राणों की आहुति दिए जाने का उल्लेख है।

समारोह की अध्यक्षता करते हुए इतिहासकार डॉ. लक्ष्मी शंकर निगम ने इस पुस्तक के संदर्भ में अनेक ऐतिहासिक घटनाओं की जानकारी दी।

उन्होंने कहा कि आज दस मई का दिन ऐतिहासिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि 1857 में इसी दिन मेरठ से भारत का पहला स्वतंत्रता संग्राम शुरु हुआ था। उन्होंने 1857 के युग में छत्तीसगढ़ और पश्चिम ओडि़शा की जमीदारियों के बीच की कडिय़ों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

बताया कि किस प्रकार वीर सुरेंद्र साय और वीर नारायण सिंह के बीच सैन्य सहयोग था और नारायण सिंह के पुत्र गोविंद सिंह ने सुरेंद्र साय के सहयोग से ही महाराज साय का वध कर नारायण सिंह के बलिदान का बदला लिया था। उन्होंने सीमावर्ती जमीदारियों के योगदान की भी चर्चा की।

लेखक चुन्नीलाल साहू ने स्वागत भाषण दिया। श्री साहू ने भी कहा कि इस पुस्तक के विमोचन के लिए आज 10 मई का दिन इसलिए चुना गया कि यही वह ऐतिहासिक तारीख है, जब 1857 में भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की मेरठ से शुरुआत हुई थी और गोविंद सिंह ने महाराज साय का वध भी 10 मई को ही किया था।

श्री साहू ने स्वतंत्रता संग्राम में छत्तीसगढ़ और पश्चिम ओड़िशा से संबंधित अनेक भूले-बिसरे प्रसंगों को याद किया। महासमुन्द की सांसद श्रीमती रूप कुमारी चौधरी और विधायक श्री योगेश्वर राजू सिन्हा ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

श्रीमती चौधरी ने कहा कि यह पुस्तक एक महत्वपूर्ण धरोहर है। इस अवसर पर डॉ. रमन सिंह ने घेस (ओड़िशा) के शहीद माधो सिंह की छठवीं पीढ़ी के लोकेश्वर सिंह का स्वागत किया।

आयोजन में पूर्व मंत्री चन्द्र शेखर साहू, इतिहासकार डॉ. रमेन्द्र नाथ मिश्र, पुरातत्व विद राहुल कुमार सिंह, छत्तीसगढ़ साहित्य परिषद के अध्यक्ष शशांक शर्मा और वरिष्ठ लेखक आशीष सिंह सहित अशोक तिवारी, घनाराम साहू, नारायण प्रसाद नैरोजी, शिशुपाल सोरी, भारत सिंह, यसवेंद्र सिंह, रायपुर प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रफ्फुल ठाकुर, शिव नेताम, बेदराम बरिहा, कल्याण सिंह बरीहा, एनपी नैरोजी, डॉ. शंपा चौबे, डॉ. शकुंतला तरार, श्रीमती लालिमा ठाकुर जिला पंचायत उपाध्यक्ष गरियाबंद और अन्य अनेक प्रबुद्धजन उपस्थित थे।                 

युद्ध विराम की जानकारी

अपने संबोधन के दौरान डॉ. रमन सिंह ने सूचित किया कि भारत और पाकिस्तान के बीच विगत तीन दिनों से जारी संघर्ष में युद्ध विराम की घोषणा हो गयी है। भारत ने अपना काम पूरा कर लिया है। डॉ. सिंह ने इसके लिए भारतीय सेना को बधाई दी। सभी लोगों ने उनकी इस जानकारी पर भारत माता की जय के नारे लगाकर करतल ध्वनि से हर्ष प्रगट किया।


You Might Also Like

गर्भवती हिरण की मौत : बालोद में कुत्तों के डर से गई जान, ढाई महीने में चौथी घटना

शिक्षा और धन के साथ यदि “संस्कार” का मिश्रण हो जाए तो मनुष्य का कल्याण हो जाता है : पंडित प्रदीप मिश्रा

महिला थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप: पीड़िता को डंडे-बेल्ट से पीटा…

छत्तीसगढ़ दवा घोटाले में नया खुलासा: ED के रडार पर 3 IAS अधिकारी, जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई

प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा सकेंगे निजी प्रकाशकों की किताबें, हाई कोर्ट ने यह आदेश किया खारिज

TAGGED: Breaking news, Chhattisgarh, Chhattisgarh news, Dr Raman Singh, india, Raipur Breaking
Newsdesk Admin 11/05/2025
Share this Article
Facebook Twitter Whatsapp Whatsapp Telegram
Share
Previous Article Bastar Education Department Bastar Education Department : कर्तव्य में लापरवाही भारी पड़ी, बस्तर में पांच शिक्षक निलंबित, शिक्षा विभाग ने की कड़ी कार्रवाई
Next Article ‘ब्रह्मोस की ताकत आपने ऑपरेशन सिंदूर में देखी होगी, नहीं देखी तो किसी पाकिस्तानी से पूछ लेना’, गरजे CM योगी

You Might Also Like

छत्तीसगढ़ट्रेंडिंग

गर्भवती हिरण की मौत : बालोद में कुत्तों के डर से गई जान, ढाई महीने में चौथी घटना

03/08/2025
ट्रेंडिंगधर्मफीचर्डभिलाई-दुर्गसामाजिक

शिक्षा और धन के साथ यदि “संस्कार” का मिश्रण हो जाए तो मनुष्य का कल्याण हो जाता है : पंडित प्रदीप मिश्रा

03/08/2025
छत्तीसगढ़ट्रेंडिंग

महिला थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप: पीड़िता को डंडे-बेल्ट से पीटा…

03/08/2025
छत्तीसगढ़ट्रेंडिंग

छत्तीसगढ़ दवा घोटाले में नया खुलासा: ED के रडार पर 3 IAS अधिकारी, जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई

03/08/2025
छत्तीसगढ़ प्रदेश का एक विश्वसनीय न्यूज पोर्टल है, जिसकी स्थापना देश एवं प्रदेश के प्रमुख विषयों और खबरों को सही तथ्यों के साथ आमजनों तक पहुंचाने के उद्देश्य से की गई है। इसके साथ ही हम महत्वपूर्ण खबरों को अपने पाठकों तक सबसे पहले पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
क्विक लिंक्स
  • ट्रेंडिंग
  • देश-दुनिया
  • राज्य
  • राजनीति
  • खेल
  • मनोरंजन
  • स्वास्थ्य
  • अपराध
  • धर्म
  • शिक्षा
  • अन्य

हमारे बारे में

मुख्य संपादक : डी. सोनी

संपर्क नंबर : +91 8839209556

ईमेल आईडी : cgbhaskar28@gmail.com

© Copyright CGbhaskar 2025 | All Rights Reserved | Made in India by MediaFlix

Welcome Back!

Sign in to your account

Lost your password?