जबलपुर , 17 मार्च 2025 :
10 मार्च 2025 को विजय पांडे ने घर के बाहर एक शाॅप खोली है। नाम श्री लड्डू गोपाल रखा है। इसकी खासियत यह है कि यहां लड्डुओं के डिब्बे रखे हुए हैं। जिनमें 250 ग्राम, 500 ग्राम के अलग-अलग पैकेट हैं। सभी पर रेट लिखा है। यहां भगवान लड्डू गोपाल की प्रतिमा भी है।
पेमेंट के लिए तीन ऑप्शन दिए गए हैं। ग्राहक चाहे तो क्यूआर कोड से ऑनलाइन पैसे दे सकता है। नकद वालों के लिए एक बॉक्स है। पास में खुले पैसे भी रख दिए जाते हैं, जिससे किसी को दिक्कत न हो। तीसरा ऑप्शन बाद में देने का है यानी पैसे नहीं हो तो भी वह लड्डू ले जा सकता है और बाद में अपनी सुविधा अनुसार पैसे दे सकता है।
ऐसे हुई लड्डू गोपाल शाॅप की शुरुआत
लड्डू गोपाल शॉप खोलने के पीछे की वजह खुद विजय पांडे ने बताई। कहा- दिसंबर 2024 में एक व्यक्ति मेरे घर पहुंचा। बताया कि उसके 5 साल के बेटे का जन्मदिन है। बेटे को लड्डू बहुत पसंद है। कुछ दिन पहले उसने एक मंदिर में आपके यहां का लड्डू खाया था। वह आज फिर जिद करने लगा कि उसे वही लड्डू चाहिए, जो मंदिर में मिला था। प्रसाद के डिब्बे पर आपका पता लिखा था। उसे ही तलाश करते यहां तक पहुंचा हूं।
पांडे ने बताया- वह पेशे से सुरक्षा गार्ड था। उसने कहा कि मेरे पास आज पैसे नहीं है। मुझे 200 रुपए के लड्डू चाहिए। मैं जल्द ही पैसे दे दूंगा। बच्चे के जन्मदिन की बात सुनकर मैंने एक किलो लड्डू उस शख्स को दे दिए और कहा कि जब कभी पैसे हों, तब दे जाना।
उन्होंने बताया- जिस व्यक्ति को मैंने लड्डू दिए थे, उसने लड्डू गोपाल की कसम खाकर कहा था कि वह जल्द ही पैसे दे देगा। कुछ दिन बाद उसने पैसे लौटा भी दिए। तब मेरे मन में ख्याल आया कि एक ऐसी शाॅप खोली जाए, जो कि भगवान पर आश्रित रहे, सबकुछ उन्हीं के भरोसे हो।
मैंने पत्नी और बच्चों से इस विषय में बात की, सभी को आइडिया पसंद आया। इसके बाद भगवान श्री लड्डू गोपाल की शाॅप खोल दी गई।
24 घंटे खुली रहती है दुकान
विजय पांडे ने बताया कि उस आदमी की मजबूरी देखकर मन में यह विचार आया कि यदि मेरी जगह इस दुकान पर भगवान लड्डू गोपाल बैठे होते तो यह आदमी इतना संकोच नहीं करता। इसी विचार के साथ यह दुकान खोली गई। यह 24 घंटे खुली रहती है
ग्राहक खुद करता है हिसाब-किताब
दुकान पर लड्डू लेने आने वाले व्यक्ति को किसी से कुछ भी पूछने की जरूरत नहीं है। वह अपने हिसाब से लड्डू ले सकता है। वजन को लेकर अगर किसी भी प्रकार की शंका है तो उसके लिए तराजू भी रखा हुआ है। हालांकि, अभी तक किसी भी व्यक्ति ने उसका उपयोग नहीं किया है।
दुकान में लड्डू गोपाल की मूर्ति के पास ही पैसा डालने के लिए एक डिब्बा भी रखा है। ग्राहक खुद अपना हिसाब करके डिब्बे में पैसे डाल देता है। बची हुई रकम पास में रखे खुले पैसे से ले लेता है। जिसके पास पैसा नहीं है, वह भी यहां से मिठाई ले जा सकता है। यह उसकी श्रद्धा पर निर्भर करता है कि उसे पैसे कब देने हैं।
विजय पांडे ने कहामुझे पूरा भरोसा है कि लोग लड्डू गोपाल से धोखा नहीं करेंगे। सबकुछ ठीक चलेगा। अगर किसी के पास पैसे नहीं हैं तो भी वह मिठाई ले जा सकता है। किसी को पैसे के लिए बाध्य नहीं किया जाता है।
जीवन में पहली बार देखी ऐसी शाॅप
दुकान पहुंचे ग्वारी घाट निवासी अशोक तिवारी ने बताया- एक रील वायरल हो रही है। जिसमें बताया गया है कि जबलपुर में एक ऐसी लड्डू की शाॅप है, जिसे भगवान चला रहे हैं। यहां पर कोई मालिक या कर्मचारी नहीं है। हिसाब-किताब सबकुछ लड्डू गोपाल के ही हवाले है। मैंने अपने जीवन में पहली बार ऐसी शाॅप देखी है।
भगवान लड्डू गोपाल का बैंक में खाता भी
विजय पांडे ने बताया- श्री लड्डू गोपाल शाॅप खुले हुए अभी कुछ ही दिन हुए हैं। बावजूद इसके लोगों की भीड़ बढ़ रही है। 10 से 16 मार्च के बीच लड्डू प्रसाद की प्रतिदिन बिक्री 17 किलो से अधिक की रही है। हमने भगवान लड्डू गोपाल के नाम से बैंक ऑफ बड़ौदा में खाता खुलवाया है।
लड्डू बनाने का खर्च अलग करने के बाद जितना भी पैसा बचेगा, वह उस बैंक खाते में जमा किया जाएगा। हर माह पैसे का हिसाब-किताब भगवान लड्डू गोपाल के सामने ही होगा। यह पूरा पैसा उन बच्चों के इलाज और शिक्षा में खर्च किया जाएगा, जो सक्षम नहीं हैं। बच्चे भगवान लड्डू गोपाल का रूप हैं, इसलिए उनका पैसा उन्हें ही समर्पित किया जाएगा।
कई शहरों से फ्रेंचाइजी की डिमांड
विजय पांडे बताते हैं कि कम समय में ही भगवान लड्डू गोपाल के प्रसाद की डिमांड बढ़ गई है। देशभर से कई जगह से कॉल आ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि क्या हमें श्री लड्डू गोपाल शाॅप की फ्रेंजाइजी मिल जाएगी? हालांकि, मैंने अभी इस तरह का कुछ सोचा नहीं है।