भारतीय महिला क्रिकेट की स्टार बल्लेबाज स्मृति मंधाना के घर पिछले कुछ दिनों से जो तनाव पसरा हुआ था, वह अब धीरे-धीरे कम होने लगा है। शादी की तैयारियाँ लगभग पूरी हो चुकी थीं, पर (Smriti Mandhana wedding twist) तब सामने आया जब 23 नवंबर की सुबह उनके पिता श्रीनिवास मंधाना को सीने में तेज़ दर्द उठा। सांगली के एक अस्पताल में भर्ती होने के बाद डॉक्टरों ने प्राथमिक जांच में हार्ट अटैक की आशंका जताई और परिवार की धड़कनें रुक-सी गईं।
तीन दिनों की लगातार निगरानी, परीक्षण और दवाइयों के बाद, 25 नवंबर की देर रात उन्हें खतरे से बाहर बताते हुए घर भेज दिया गया। चिकित्सकों ने पुष्टि की कि एंजियोग्राफी में कोई गंभीर रुकावट नहीं मिली और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
शादी टली, फैसला नहीं—नई तारीख का इंतज़ार बढ़ा
स्मृति ने साफ कर दिया था कि पिता के पूरी तरह स्वस्थ होने से पहले वह विवाह की रस्में आगे नहीं बढ़ाएंगी। अब पिता घर पर आराम कर रहे हैं, लेकिन शादी की नई तारीख पर परिवार ने चुप्पी साध रखी है। यही वजह है कि क्रिकेट प्रशंसकों से लेकर शादी की चर्चा करने वाले हर शख्स के मन में एक ही सवाल उठ रहा है—“अब आगे क्या?”
इस पूरे घटनाक्रम ने स्मृति के निजी जीवन को नए मोड़ पर खड़ा कर दिया है, और यही इस खबर का दूसरा बड़ा (wedding twist) बन चुका है।
सोशल मीडिया पर आरोपों का दौर, परिवार शांत
शादी टलने के साथ ही सोशल मीडिया पर कुछ स्क्रीनशॉट्स वायरल होने लगे, जिनमें पलाश मुच्छल पर निजी बातचीत को लेकर सवाल उठाए गए। हालांकि इन दावों की सत्यता की कोई पुष्टि नहीं है और न ही दोनों परिवारों की ओर से कोई बयान आया है।
डिजिटल दौर में अप्रमाणिक सामग्री की रफ्तार तेज़ होती है, और इसी वजह से यह मामला लोगों के बीच और दिलचस्प हो गया है।
यहां भी (Smriti Mandhana wedding twist) का असर साफ दिखता है—रिश्तों पर सवाल, लेकिन जवाब किसी के पास नहीं।
क्रिकेट फैंस की भावनाओं से लेकर परिवार की प्राथमिकता तक
स्मृति भारतीय क्रिकेट के सबसे भरोसेमंद चेहरों में से एक हैं। वह जिस धैर्य के साथ मैदान पर दबाव संभालती हैं, वही धैर्य उनके निजी जीवन में भी झलक रहा है।
पिता की सेहत ने परिवार को एक बार फिर जोड़ दिया, जबकि सोशल मीडिया के शोर ने रिश्ते को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है।
अब सभी की नजरें इस पर हैं कि स्मृति अपने अगले अध्याय—करियर और शादी—के बीच संतुलन कैसे बनाती हैं और किस दिन इस कहानी का अंत खुशखबरी में बदलता है।
