सीजी भास्कर, 11 सितंबर। राजनीति और समाज के बीच टकराव जब सड़कों पर उतरता है, तो उसका असर लंबे समय तक रहता है।
ऐसा ही मामला गुरुवार को सामने आया जब अग्रवाल समाज ने नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील के खिलाफ खुला मोर्चा (Social Outrage) खोल दिया। वजह बना उनका (Social Media Post) जिस पर समाज ने कड़ी आपत्ति जताई और इसे सीधे-सीधे वर्ग संघर्ष को भड़काने वाला बताया।
पुतला दहन और नारेबाजी
गुरुवार को कुनकुरी में अग्रवाल समाज के लोग बड़ी संख्या में जय स्तम्भ चौक पर एकत्र हुए। यहां उन्होंने नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील का पुतला फूंका और जमकर नारेबाजी की।
समाज का आरोप था कि विनयशील ने (Facebook Controversy) में आपत्तिजनक टिप्पणी की है। प्रदर्शनकारियों ने इसके बाद रैली निकाली और थाने की ओर कूच किया।
कुनकुरी थाने तक पहुंचा विवाद
जशपुर जिले के कुनकुरी थाना परिसर में समाज के लोग पहुंचे और थाना प्रभारी को लिखित आवेदन(Social Outrage) सौंपा।
अग्रवाल सभा कुनकुरी के अध्यक्ष विनोद कुमार अग्रवाल, पूर्व अध्यक्ष मुरारीलाल अग्रवाल, राधेश्याम जिंदल और बृजभूषण अग्रवाल ने अपने आवेदन में स्पष्ट किया कि विनयशील की पोस्ट से न केवल अग्रवाल समाज की मान-प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है, बल्कि यह शांति व्यवस्था को भंग करने का प्रयास भी है।
उनका कहना था कि पोस्ट बीएनएस की धारा 95 और 106 के अंतर्गत आपराधिक कृत्य है, जिस पर तत्काल प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए।
विवाद की पृष्ठभूमि
मामला बीते दिनों बगीचा के जरूडाड गांव से जुड़ा है। यहां भगवान गणेश की प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक तेज रफ्तार बोलेरो जुलूस में घुस गई। इस दर्दनाक हादसे में चार श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 22 लोग घायल हो गए।
घटना के अगले दिन मृतकों के परिजनों को 50-50 लाख और घायलों को 10-10 लाख मुआवजे की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन और चक्काजाम किया गया। इस आंदोलन में नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील और अन्य कांग्रेसी भी शामिल हुए थे।
इसी संदर्भ में विनयशील ने जशपुर में प्रेस कांफ्रेंस के बाद फेसबुक पर एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि –
बीजेपी के लिए एक अग्रवाल की जान की कीमत 50 लाख है और एक आदिवासी, ओबीसी, यादव और कुम्हार की जान की कीमत सिर्फ 5 लाख है।
इसी पोस्ट ने पूरे विवाद को जन्म दिया और समाज का गुस्सा फूट पड़ा।
समाज का आरोप और आक्रोश
अग्रवाल समाज का कहना है कि यह टिप्पणी न केवल भड़काऊ है बल्कि सीधा-सीधा वर्ग संघर्ष को बढ़ावा देती है। उनके अनुसार, इससे समाज में खाई गहरी करने और साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास(Social Outrage) किया गया है।
समाज का आरोप है कि (Hate Speech Allegation) जैसी भाषा किसी भी जनप्रतिनिधि को शोभा नहीं देती। विवाद बढ़ने पर नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने सफाई दी।
उनका कहना है कि –
उन्होंने पोस्ट केवल जुरुडांड के पीड़ित परिवारों के लिए किया था। जैसे ही उन्हें पता चला कि अग्रवाल समाज की भावनाएं आहत हुई हैं, उन्होंने तुरंत माफी मांग ली।
लेकिन साथ ही उन्होंने दोहराया कि भाजपा के “दोहरे रवैये” के खिलाफ उनका संघर्ष जारी रहेगा।