सीजी भास्कर, 27 अक्टूबर। देशभर में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान का दूसरा चरण शुरू होने जा रहा है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को बताया कि विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision SIR 2.0) के दूसरे फेज की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। इस प्रक्रिया में लगभग 51 करोड़ मतदाताओं के नाम, पते और व्यक्तिगत विवरणों का सत्यापन किया जाएगा।
इस चरण में कुल 12 राज्य और केंद्रशासित प्रदेश शामिल हैं — उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात, गोवा, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, पुडुचेरी, अंडमान-निकोबार और लक्षद्वीप। निर्वाचन आयोग ने बताया कि यह प्रक्रिया 4 नवंबर से शुरू होकर 7 फरवरी 2026 तक चलेगी। अंतिम मतदाता सूची (Final Electoral Roll) इसी दिन प्रकाशित की जाएगी।
चार महीने तक चलेगा बड़ा अभियान
निर्वाचन आयोग के अनुसार, 28 अक्टूबर से 3 नवंबर 2025 तक प्रिंटिंग और प्रशिक्षण का काम होगा। इसके बाद 4 नवंबर से 4 दिसंबर तक घर-घर गणना (House-to-House Enumeration) का चरण चलेगा। 9 दिसंबर 2025 को ड्राफ्ट मतदाता सूची जारी की जाएगी। 9 दिसंबर से 8 जनवरी 2026 तक दावे और आपत्तियों का चरण रहेगा, जबकि 9 दिसंबर से 31 जनवरी तक सुनवाई और सत्यापन किया जाएगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस अभियान (Special Intensive Revision SIR 2.0) में देशभर के 5.33 लाख बूथ लेवल ऑफिसर (BLOs) और 7.64 लाख राजनीतिक दलों के बूथ एजेंट (BLAs) शामिल होंगे। BLO हर घर तीन बार जाएंगे ताकि नए मतदाताओं को सूची में जोड़ा जा सके और त्रुटियां सुधारी जा सकें। वे घर-घर जाकर Form-6 और Declaration Form एकत्र करेंगे, नए वोटरों को फॉर्म भरने में सहायता करेंगे और फिर दस्तावेज़ ERO या AERO को सौंपेंगे।
पारदर्शिता के लिए नई व्यवस्था
ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आयोग ने यह निर्देश दिया है कि किसी भी मतदान केंद्र पर 1200 से अधिक मतदाता नहीं होंगे, ताकि मतदान प्रक्रिया सुचारू रूप से चल सके। उन्होंने कहा कि सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEOs) और जिला निर्वाचन अधिकारी (DEOs) को राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें कर मतदाता सूची सत्यापन (Special Intensive Revision SIR 2.0) प्रक्रिया की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा बुजुर्गों, दिव्यांगों और बीमार मतदाताओं के लिए वॉलंटियर तैनात किए जाएंगे ताकि उन्हें फॉर्म भरने और सत्यापन में कोई परेशानी न हो। आयोग का कहना है कि इस बार ऑफलाइन के साथ-साथ डिजिटल सत्यापन की भी सुविधा दी जाएगी, जिससे प्रक्रिया तेज़ और अधिक सटीक बनेगी।
