सीजी भास्कर, 09 अक्टूबर। कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की भर्ती परीक्षाओं (SSC Exam Policy) की अब समीक्षा की जा सकेगी। इसके लिए आयोग ने आधिकारिक अनुमति प्रदान कर दी है। इससे पहले 8 सितंबर को जारी नोटिस में इंटरनेट मीडिया पर प्रश्नपत्रों का विश्लेषण या प्रसार गैरकानूनी घोषित किया गया था, जिसका प्रतियोगी अभ्यर्थियों ने विरोध किया था। अब आयोग ने इस पर रुख नरम करते हुए परीक्षाओं की समीक्षा की सुविधा बहाल की है।
इसके अलावा, अभ्यर्थियों को अपने परीक्षा प्रश्नपत्र, ऑनलाइन उत्तर देखने व डाउनलोड करने की सुविधा भी प्रदान की गई है। उत्तरकुंजी को चुनौती देने पर पहले जहां ₹100 प्रति प्रश्न का शुल्क लिया जाता था, वहीं अब इसे घटाकर ₹50 प्रति उत्तर कर दिया गया है। यह कदम अभ्यर्थियों की आर्थिक सुविधा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
आयोग ने नोटिस जारी कर स्पष्ट किया है कि अभ्यर्थी अपने प्रश्नपत्र, दिए गए उत्तर और सही उत्तर को (SSC Exam Policy) केवल तभी देख सकेंगे, जब सभी पालियों की परीक्षा पूरी तरह संपन्न हो जाए। इससे परीक्षा प्रश्नपत्र की गोपनीयता बनी रहेगी और किसी भी प्रकार की जानकारी लीक होने की संभावना समाप्त होगी।
ऑनलाइन फीडबैक पोर्टल और निष्पक्ष मूल्यांकन प्रणाली
अभ्यर्थियों की सहूलियत के लिए एसएससी ने ऑनलाइन फीडबैक और शिकायत पोर्टल (SSC Exam Policy) भी शुरू किया है। इस पोर्टल के माध्यम से छात्र सीधे आयोग को अपनी तकनीकी समस्याओं या शिकायतों की जानकारी दे सकेंगे।
परीक्षाओं में निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए आयोग ने “इक्वि-परसेंटाइल नार्मलाइजेशन पद्धति” लागू करने का निर्णय लिया है। इस पद्धति से किसी पाली के प्रश्नपत्र कठिन या आसान होने की स्थिति में उम्मीदवारों के अंकों का संतुलन बनाए रखा जाएगा।
इसके अतिरिक्त, एसएससी ने परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए पुराने प्रश्नपत्रों को आधिकारिक नमूना सेट (SSC Exam Policy) के रूप में जारी करने की योजना तैयार की है। इससे अभ्यर्थी परीक्षा पैटर्न और कठिनाई स्तर को बेहतर ढंग से समझ सकेंगे।
अभ्यर्थियों के लिए नए सुरक्षा उपाय
एसएससी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल @ssc_goi लांच किया है, जिससे अभ्यर्थियों को सत्यापित जानकारी उपलब्ध कराई जा सके। आयोग ने स्पष्ट किया है कि उम्मीदवार केवल आधिकारिक सूचनाओं पर ही भरोसा करें और किसी भी फर्जी वेबसाइट या सोशल मीडिया अकाउंट से दूरी बनाए रखें।
फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाने के लिए आयोग ने सीजीएल-2025 परीक्षा में आधार आधारित प्रमाणीकरण प्रक्रिया लागू की है। इस प्रक्रिया के तहत 13.5 लाख से अधिक परीक्षार्थियों ने 126 शहरों में 45 पालियों में भाग लिया। कुछ परीक्षा केंद्रों पर जहां तकनीकी समस्या आई थी, वहां की पुनर्परीक्षा 14 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। वहीं, उत्तरकुंजी पर प्रत्यावेदन दर्ज करने की प्रक्रिया 15 अक्टूबर से शुरू की जाएगी।