सीजी भास्कर, 3 मई : छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा विभाग में वर्षों से लंबित प्राचार्य पदोन्नति (Teacher Promotion Rules CG) प्रक्रिया एक बार फिर कानूनी उलझनों में फंस गई है। विवाद की जड़ वर्ष 2019 में लागू “छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा सेवा भर्ती एवं पदोन्नति नियम” हैं, जिन्हें लेकर विभिन्न शिक्षक संवर्गों में गंभीर असहमति है। शिक्षाविद सतीश प्रकाश सिंह ने अब इस नियम को बदलकर नया, पारदर्शी और विवाद रहित “भर्ती एवं पदोन्नति नियम 2025” लागू करने की मांग की है।
हाल ही में राज्य शासन ने 12 वर्षों से रुकी हुई प्राचार्य पदोन्नति (Teacher Promotion Rules CG) प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए 30 अप्रैल 2025 को आदेश जारी किया था। लेकिन नियमित व्याख्याता, मिडिल स्कूल प्रधान पाठक और एल.बी. व्याख्याता संवर्ग के बीच चली आ रही कानूनी खींचतान के चलते उच्च न्यायालय बिलासपुर ने इस आदेश पर रोक लगा दी। प्राचार्य पदोन्नति को लेकर दायर याचिकाओं की सुनवाई 7 मई को होनी है।
शिक्षाविद सतीश प्रकाश सिंह का कहना है कि इस विवाद की मूल वजह 2019 के नियमों की अस्पष्ट और पक्षपाती शर्तें हैं, जिनके चलते हजारों शिक्षकों का करियर अधर में लटक गया है। उन्होंने बताया कि बीते 12 वर्षों में कई वरिष्ठ शिक्षक बिना प्रमोशन के सेवानिवृत्त हो गए, और कुछ अपने सपनों को अधूरा छोड़ इस दुनिया से विदा हो गए।
सिंह ने राज्य सरकार से मांग की है कि नया 2025 भर्ती एवं पदोन्नति (Teacher Promotion Rules CG) नियम तैयार किया जाए, जिसमें शैक्षणिक एवं व्यावसायिक योग्यता, कार्य अनुभव, बी.एड./नॉन बी.एड. जैसी आवश्यक शर्तों को स्पष्ट किया जाए और सभी संवर्गों को समान अवसर मिले। उन्होंने कहा कि यह नियम न केवल न्याय संगत होना चाहिए, बल्कि इसका पालन सख्ती से सुनिश्चित किया जाए।
प्रदेशभर में अब इस बदलाव के लिए समर्थन अभियान की शुरुआत की जा रही है। शीघ्र ही मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री, विधायकों और अधिकारियों को ज्ञापन सौंपा जाएगा ताकि छत्तीसगढ़ का शिक्षा तंत्र एक बार फिर सुचारु और विवादमुक्त हो सके।