सीजी भास्कर, 3 नवंबर। छत्तीसगढ़ की लोकगायिकी की पहचान और पंडवानी की मशहूर गायिका पद्म विभूषण डॉ. तीजन बाई (Teejan Bai AIIMS Raipur) को सोमवार को एम्स रायपुर में भर्ती कराया गया। उनकी हालत फिलहाल स्थिर बताई जा रही है, लेकिन एहतियात के तौर पर उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। यह कदम उस समय उठाया गया जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले रायपुर प्रवास के दौरान उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली थी।
जानकारी के अनुसार, तीजन बाई को आज सुबह करीब 11 बजे गनियारी स्थित उनके निवास से एम्स रायपुर ले जाया गया। उनके साथ डॉक्टरों की एक टीम मौजूद रही। भिलाई चरोदा नगर निगम प्रशासन ने एंबुलेंस और चिकित्सा टीम की विशेष व्यवस्था की थी।
(Teejan Bai AIIMS Raipur) लगातार निगरानी में थीं तीजन बाई
पिछले दो वर्षों से तीजन बाई के स्वास्थ्य में लगातार गिरावट देखी जा रही थी। वर्ष 2023-24 में उनका ब्लड प्रेशर बढ़ गया था और उन्हें चलने-फिरने में दिक्कत आने लगी थी। कई बार वे लोगों को पहचान नहीं पाती थीं। स्थिति को देखते हुए जिला प्रशासन समय-समय पर डॉक्टरों की टीम उनके गनियारी निवास पर भेजता रहा है। सितंबर 2024 में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उनके स्वास्थ्य को लेकर चिंता जताई थी और अधिकारियों को निर्देश दिया था कि तीजन बाई के बेहतर इलाज और निरंतर निगरानी की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।
प्रधानमंत्री मोदी ने जताई थी चिंता
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में रायपुर प्रवास के दौरान तीजन बाई (Teejan Bai AIIMS Raipur) की तबीयत को लेकर उनकी बहू रेनू से फोन पर बात की थी। रेनू ने प्रधानमंत्री को बताया था कि, मम्मी (तीजन बाई) की तबीयत ठीक नहीं है, शरीर में कमजोरी है और खाने-पीने में भी दिक्कत हो रही है।” इस पर प्रधानमंत्री ने चिंता जताते हुए कहा था “उनका विशेष ध्यान रखिए, हम सभी उनकी सलामती की कामना करते हैं। प्रधानमंत्री के इस संवाद के बाद प्रशासन ने तुरंत मेडिकल टीम को गनियारी भेजा था। सोमवार सुबह चिकित्सकों की सलाह पर तीजन बाई को एम्स रायपुर शिफ्ट किया गया।
लोकगायिकी की जीवंत परंपरा की प्रतीक
तीजन बाई न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि पूरे देश में पंडवानी कला की सशक्त प्रतिनिधि रही हैं। उन्होंने महाभारत की कथाओं को लोकभाषा और संगीत के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाया। भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण से सम्मानित किया है। उनकी कला ने छत्तीसगढ़ की लोकसंस्कृति को अंतरराष्ट्रीय मंच तक पहुंचाया है। राज्य के सांस्कृतिक संगठनों और कलाकारों ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।
