चंपावत, उत्तराखंड। जहां एक तरफ चुनावी राजनीति में हर हाल में जीत की होड़ लगी रहती है, वहीं चंपावत से आई एक खबर ने पूरे देश का ध्यान खींच लिया है। यहां की ग्राम पंचायत चुनाव में एक महिला उम्मीदवार ने ऐसी मिसाल पेश की है, जो शायद बरसों तक याद रखी जाएगी। काजल बिष्ट नाम की इस प्रत्याशी ने जब देखा कि उन्हें गलती से विजेता घोषित कर दिया गया है, तो उन्होंने न सिर्फ सच्चाई को उजागर किया, बल्कि जीत का प्रमाणपत्र भी लौटा दिया।
क्या है पूरा मामला?
चंपावत जिले के तरकुली ग्राम पंचायत में प्रधान पद के लिए चुनाव हुए थे। मतगणना के बाद काजल बिष्ट को 103 वोट और उनके प्रतिद्वंद्वी सुमित कुमार को 106 वोट मिले। सुमित कुमार को तीन वोटों की बढ़त थी। लेकिन गलतीवश चुनाव अधिकारी ने काजल बिष्ट को ही विजेता घोषित कर दिया और उन्हें जीत का प्रमाणपत्र सौंप दिया।
“मैं नहीं जीती, मुझे कम वोट मिले हैं” – काजल बिष्ट
काजल बिष्ट ने जब वोटों का आंकड़ा देखा, तो तुरंत अधिकारियों को बताया कि असली विजेता सुमित कुमार हैं और उन्हें ही सर्टिफिकेट मिलना चाहिए। उनका कहना था:
“मैं जानती हूं कि मुझे कम वोट मिले हैं। ये सर्टिफिकेट मेरी नहीं, सुमित की जीत का है। मैं इसे स्वीकार नहीं कर सकती।”
SDM कोर्ट में दी अर्जी, मिला न्याय
जब स्थानीय चुनाव अधिकारी से कोई समाधान नहीं मिला, तो काजल बिष्ट ने उपजिलाधिकारी (SDM) अनुराग आर्य की अदालत में औपचारिक शिकायत दर्ज की। SDM ने उनकी आपत्ति को गंभीरता से लिया और जांच के बाद चुनाव अधिकारी को आदेश दिया कि 30 दिनों के भीतर फिर से मतगणना करवाई जाए।
जल्द होगी पुनर्मतगणना, तारीख तय होने वाली है
उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग ने 24 और 28 जुलाई को पंचायत चुनाव के दो चरण पूरे किए थे। अब चंपावत में तरकुली ग्राम पंचायत की मतगणना दोबारा होगी, जिसकी तिथि जल्द घोषित की जाएगी।