सीजी भास्कर, 06 अगस्त। झारखंड के जमशेदपुर में पैसेंजर ने जब ऑटोरिक्शा में लगी बच्ची की तस्वीर देखी तो वह चौंक गया और दावा करने लगा कि ये उसकी बेटी है, जो कि तीन साल पहले ‘मर’ चुकी है। वहीं ड्राइवर ने बताया कि वह उसकी भांजी की तस्वीर है। पैसेंजर भी हंगामा मचाने लगा। लोगों की भीड़ इकट्ठी होने लगी तो किसी ने पुलिस को खबर कर दी।
आपको बता दें कि झारखंड के जमशेदपुर में 30 जुलाई को एक ऐसी घटना घटी, जिसे सुनकर हर कोई हैरान हो गया। यहां एक शख्स ने घर जाने के लिए ऑटोरिक्शा बुक किया। शख्स जैसे ही ऑटो में बैठा, उसे वहां एक बच्ची की फोटो लगी दिखाई दी। शख्स बच्ची की फोटो देख बुरी तहर चौंका, उसने ऑटो ड्राइवर से पूछा- ये बच्ची कौन है? जवाब मिला- साहब ये मेरी भांजी है। तभी वो शख्स बोला- नहीं तुम झूठ बोल रहे हो, ये मेरी बेटी है। इसके बाद दोनों के बीच खूब बहसबाजी हुई। मामला पुलिस तक भी जा पहुंचा है।बताया जा रहा है कि साढ़े तीन वर्ष पहले अविनाश प्रसाद की पत्नी संगीता ने एक नर्सिंग होम में जुड़वा बच्चों को जन्म दिया था। तब नर्सिंग होम वालों ने उन्हें बताया कि आपके जुड़वा बच्चों में से लड़का ही जिंदा है, लड़की की मौत हो गई है। परिवार वालों ने तब नर्सिंग होम वालों की बातों पर यकीन कर लिया लेकिन अब जब अविनाश ने ऑटो में बच्ची की तस्वीर देखी तो उसने दावा किया कि ये उसकी की बेटी है। वह नर्सिंग होम वालों पर बच्ची बेचने का आरोप लगाने लगा। अविनाश का कहना है कि बच्ची की शक्ल हूबहू उसकी बच्ची तरह है। बच्ची के जुड़वा भाई की शक्ल भी ऐसी ही है। मामले में संगीता मौर्य उर्फ संगीता प्रसाद (28 वर्ष) ने सिदगोड़ा थाने में शिकायत की है। अब दंपत्ति डीएनए टेस्ट करवाने की भी मांग कर रहे हैं। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
अविनाश की पत्नी भी थाना पहुंची, उसने पुलिस को बताया कि वह सिदगोड़ा मिथिला कॉलोनी की निवासी है। साल 2020 में वह गर्भवती हुई और सिदगोड़ा स्थित नर्सिंग होम में 7 जनवरी 2021 को डिलीवरी हुई। पहले बेटा पैदा हुआ, फिर बेटी। अस्पताल वालों ने बताया कि बेटी मृत है। उसने जब बेटी का शव मांगा तो उन्होंने नहीं दिया। तब उन्हें भी लगा कि शायद सच में ही ऐसा हुआ हो, इसके बाद वो बेटे को लेकर घर आ गई थी।
संगीता ने बताया कि उसके पति अविनाश 30 जुलाई 2024 को बारीडीह चौक पर खड़े थे। उन्होंने घर आने के लिए ऑटो बुक किया। ऑटो में एक बच्ची की तस्वीर लगी थी जो हूबहू उनके बेटे की तरह थी। जब तस्वीर के बारे में पूछा तो ऑटो वाले ने बताया कि यह उसकी भांजी है। उसके बाद अविनाश को संदेह हुआ कि यह उसकी जुड़वां बच्ची है, जिसे मृत बताया गया था। जब उसने ऑटो चालक से कहा कि यह उसकी जुड़वां बच्ची है तो ऑटो चालक बहस करके वहां से चला गया। बाद में उसने अपने ऑटो से बच्ची की तस्वीर भी हटा दी। उन्हें पूरा संदेह है कि अस्पताल वालों ने उनकी बेटी को बेच दिया था। इसलिए उस बच्ची का डीएनए टेस्ट करवाया जाए, वो हमारी ही बेटी है और हमें वो वापस चाहिए। पुलिस ने इस संबंध में नर्सिंग होम को भी तलब किया है।