सीजी भास्कर, 13 फरवरी। रायपुर के अनुपम नगर में 65 लाख की डकैती के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। जांच में खुलासा हुआ है कि इस संगठित अपराध का मुख्य आरोपी पीड़ित का पड़ोसी ही है। रायपुर एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह के मार्गदर्शन में पुलिस टीम ने दुर्ग और राजनांदगांव से 10 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
आपको बता दें कि खुफिया इनपुट्स के आधार पर रायपुर पुलिस ने देर रात विशेष सर्च ऑपरेशन चलाया और आरोपियों को धरदबोचा। बताया जा रहा है कि डकैती की रकम का बंटवारा करने के लिए सभी आरोपी गुप्त ठिकाने पर छिपे हुए थे। यह अपराध जमीन विवाद के चलते अंजाम दिया गया था। जैसे ही पुलिस को डकैतों की सटीक लोकेशन की जानकारी मिली, एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर ACCU के एएसपी व प्रभारी परेश पांडेय के नेतृत्व में 60 सदस्यीय विशेष टीम का गठन किया गया। 10 अलग-अलग टीमें रातों रात दुर्ग और राजनांदगांव रवाना की गईं। घेराबंदी कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सुबह 6 बजे रायपुर लाया गया। एसएसपी डॉ. लाल उमेद सिंह और उनकी टीम की इस सफल कार्रवाई की सराहना की जा रही है।
पांचों डकैतों ने प्रेमा वेल्लू (71 वर्ष), रजनी वेल्लू (67 वर्ष) और मनोहर वेल्लू (70 वर्ष) को बंधक बनाकर डकैती की। यह तीनों आपस में भाई-बहन हैं एवं साथ रहते हैं और किसी ने शादी नहीं की है। वेल्लू परिवार ने कुछ दिन पहले ही अपनी एक पुश्तैनी जमीन बेची थी। जिसके बाद 65 लाख रुपयों को उन्होंने घर के भीतर ही पलंग के नीचे रखा था।
पहले पुलिस को आशंका है कि इस डकैती की वारदात को कार से सबसे अंतिम में निकली महिला लीड कर रही थी जबकि बताया जा रहा है कि पीड़ित का रिश्तेदार है डकैती का मास्टरमाइंड है। उसने अपने दोस्त और उसकी पत्नी के साथ मिलकर इस पूरी वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने इस मामले में करीब आधे दर्जन आरोपियों को पकड़ा है। जिन्होंने इस डकैती को शातिर तरीके से प्लानिंग करके अंजाम दिया है।सूत्रों के मुताबिक, डकैती का एक आरोपी नागपुर का निवासी साजिद है। वो पीड़ित का रिश्तेदार है। उसने अपने दोस्त भिलाई निवासी राहुल और उसकी पत्नी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया था। डकैती के बाद आरोपी अमलेश्वर दुर्ग की ओर भागे। बीच रास्ते में उन्होंने गाड़ी बदली है। इसके बाद में अलग-अलग शहरों में भागे हैं। पुलिस इस पूरे मामले का खुलासा करेगी।
पीड़ित वेलु परिवार काफी बड़ा है। यह आठ भाई-बहन है। जिस जमीन को परिवार ने बेची थी। उसे लेकर परिवार के लोगों के बीच विवाद था। इनमें से कुछ लोगों में नाराजगी भी थी। इसकी भनक लगते ही पुलिस का शक रिश्तेदारों पर गहरा गया था। पुलिस लगातार परिवार के सभी सदस्यों से पूछताछ कर रही थी। वारदात के दौरान वे कहां पर थे? वारदात के पहले और बाद के एक्टिविटी पर लगातार पुलिस नजर बनाए रखी थी। कॉल डिटेल और लोकेशन पर फोकसपुलिस की दो अलग-अलग टीम कुछ संदिग्ध लोगों की कॉल डिटेल की भी जांच कर रही है। जिससे पता चल सके कि घटना के दौरान या पहले किसी ने अपने नंबर से कोई बातचीत की हो। इसके अलावा जिन नंबरों में संपर्क किया गया है, पुलिस उन्हें भी खंगाल रही है। साथ ही आरोपी पीड़ितों का मोबाइल लेकर भागे हैं। जो अब तक बरामद नहीं हुआ है। पुलिस मोबाइल की अंतिम लोकेशन के आधार पर भी रुट फॉलो कर रही है। यह डकैती खम्हारडीह थाना इलाके के अनुपम नगर में हुई। डकैत कमांडो ड्रेस पहनकर घर के भीतर घुसे। बुजुर्गों को पिस्टल अड़ाकर बंधक बना लिया। फिर डराने के लिए नकली इंजेक्शन लगाया। इस दौरान उन्होंने लाल सलाम कहते हुए कहा कि हल्ला किया तो घर को बम से उड़ा देंगे।कार से उतरते हुए 5 डकैत CCTV कैमरे में कैद हुए हैं। जिसमें एक महिला भी थी। पांचों डकैतों ने प्रेमा वेल्लू (71), रजनी वेल्लू (67) और मनोहर वेल्लू (70) को बंधक बनाकर डकैती की। यह तीनों आपस में भाई-बहन है साथ रहते हैं और किसी ने शादी नहीं की है।जमीन बेचने से मिले रुपए लेकर भागेवेल्लू परिवार ने कुछ दिन पहले ही अपनी एक पुश्तैनी जमीन बेची थी। जिसके बाद 65 लाख रुपयों को उन्होंने घर के भीतर ही पलंग के नीचे रखा था। जिन्हें डकैत लूट कर ले गए। इसके अलावा वे आलमारी से गहने भी साथ लेकर चले गए। भागने के दौरान उन्होंने तीनों बुजुर्गों को कमरे के भीतर बंद कर दिया। जैसे-जैसे बुजुर्गों ने घर के पीछे के रास्ते से निकलकर पड़ोसियों और पुलिस को सूचना दी।