सीजी भास्कर 28 फरवरी नई दिल्ली: दिल्ली की आठवीं विधानसभा के पहले सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को भाजपा सरकार द्वारा एक और कैग रिपोर्ट पेश की जाएगी. दोपहर दो बजे से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में विधानसभा अध्यक्ष की अनुमति से मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता सार्वजनिक पब्लिक हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन पर सीएजी की ऑडिट रिपोर्ट विधानसभा पटल पर प्रस्तुत करेंगी.
इस सत्र में पेश की जाने वाली यह दूसरी कैग रिपोर्ट होगी. हालांकि, शुक्रवार को भी 25 फरवरी को हुए निलंबन के चलते आम आदमी पार्टी के विधायक सदन से बाहर ही होंगे.ऐसे में विधानसभा में प्रवेश को लेकर शुक्रवार को भी टकराव की स्थिति देखने को मिल सकती है. यह रिपोर्ट भी उन 14 कैग रिपोर्ट्स में से एक है, जो आम आदमी की पार्टी सरकार के कार्यकाल से संबंधित हैं और काफी समय से लंबित पड़ी हुई थी. इस रिपोर्ट में भी स्वास्थ्य विभाग में हुए नुकसान का जिक्र हो सकता है, जिसके बाद आम आदमी पार्टी पार्टी पर भाजपा एक बार फिर हमलावर हो सकती है.
इससे पहले 25 फरवरी को शराब नीति से संबंधित महत्वपूर्ण कैग रिपोर्ट विधानसभा में पेश की गई थी, जिसमें सरकारी खजाने को 2026 करोड़ रुपए का नुकसान बताया गया है.दिल्ली विधानसभा में पेश होने वाली सीएजी रिपोर्ट पर मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि एक और बड़े घोटाले का खुलासा करेगी, जिससे पता चलेगा कि कैसे अरविंद केजरीवाल की सरकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य के नाम पर दिल्ली को लूटा है. कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और दिल्ली की जनता के साथ विश्वासघात किया. आख़िरकार सच सामने आ रहा है.इसके बाद विधानसभा में नियम 280 के तहत चर्चा करते हुए भाजपा विधायक और मंत्रियों ने केजरीवाल सरकार को कटघरे में खड़ा किया था और जमकर निशाना साधा था.
इसी तरह आज भी दूसरी कैग रिपोर्ट पेश होने के बाद नियम 280 के तहत सत्ता पक्ष के द्वारा दूसरी कैग रिपोर्ट पर विधानसभा में चर्चा कराई जाएगी.उल्लेखनीय है कि भाजपा ने चुनाव के दौरान ही अपने संकल्प पत्र में भी यह वादा किया था कि सरकार बनते ही वे आम आदमी पार्टी की सरकार के कार्यकाल से लंबित पड़ी 14 कैग रिपोर्ट्स पहली कैबिनेट मीटिंग में ही प्रस्ताव लाकर विधानसभा में पेश करेंगे. भाजपा सरकार ने उसी अनुरूप कार्य करते हुए पहली कैग रिपोर्ट पेश की. इसके बाद बची हुई 12 कैग रिपोर्ट्स अगले विधानसभा सत्र में पेश किए जाने की प्रबल संभावना है. शुक्रवार और शनिवार का दिन इस दूसरी कैग रिपोर्ट्स के नाम रह सकता है.क्या होती है कैग रिपोर्ट: बता दें कि कैग भारत सरकार की संवैधानिक संस्था है, जो सरकारी खजाने को सरकार द्वारा लिए गए निर्णय और उनमें किस तरह से कमी के चलते सरकारी खजाने को नुकसान हुआ इसका आकलन करती है.
केजरीवाल सरकार की शराब नीति के चलते सरकारी खजाने को 2026 करोड़ का नुकसान हुआ. दिल्ली विधानसभा में पेश की गई पहली कैग रिपोर्ट में कैग ने बताया है कि केजरीवाल सरकार ने शराब नीति को ठीक से लागू नहीं किया, इसकी वजह से नुकसान हुआ. कैग के द्वारा केंद्र और राज्य सरकारों के किसी भी विभाग के वित्तीय लेनदेन और नीति की समीक्षा की जा सकती है और उसपर रिपोर्ट तैयार की जा सकती है. पहले भी यूपीए सरकार के समय टू जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले का खुलासा भी कैग की रिपोर्ट से ही हुआ था, जिसमें सरकार चली गई थी.