सीजी भास्कर, 21 सितम्बर। बिहार में चुनावी माहौल के बीच सत्ता और विपक्ष के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चल रहा है। एक बार फिर पीएम मोदी की मां को कथित तौर पर गाली देने को मामला सामने आया है।
बीजेपी आरोप लगा रही है कि बिहार में लोकतंत्र का लोकतंत्र शर्मसार हो रहा है। उनका आरोप है कि आरजेडी की सभा में पीएम मोदी की मां को गाली दी गई है।
अब इस पूरे मामले पर आरजेडी की तरफ से सफाई सामने आई है। इसमें बताया कि जो वीडियो बीजेपी की तरफ से शेयर किया जा रहा है। उसके साथ छेड़छाड़ की गई है।
वायरल वीडियो को लेकर बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने विपक्ष को पर हमला बोला है।
सम्राट चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कहा कि बिहार अपने आप में शर्मसार हो रहा है।
लोकतंत्र की जननी बिहार बदनाम हो रहा है। RJD और कांग्रेस सत्ता में नहीं है मगर उनके गुंडे प्रधानमंत्री की मां को गाली दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब यह सत्ता में नहीं है तब यह देश के प्रधानमंत्री को गाली दे रहे हैं। जब यह सत्ता में आ जाएंगे तब सोचिए किस तरह का जंगल राज दिखाएंगे। जंगल राज और आतंक फिर से स्थापित होगा। बिहार का गौरव तार-तार हो जाएगा। हमारी माताओं और बहनों के साथ भी इसी तरह दुर्व्यवहार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि लालू परिवार को मैं चेतावनी देता हूं कि माफी मांगे और कांग्रेस पार्टी भी माफी मांगे।
पूरे मामले पर क्या बोले तेजस्वी यादव?
पूरे मामले पर तेजस्वी यादव ने कहा कि हमने पहले भी कहा है फिर कह रहे हैं। मां तो मां होती है।
ये अच्छी बात है जिन लोगो ने मां के ऊपर उंगली उठाने का काम किया है। आरोप लगाया उनको जेल जाना चाहिए।
केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि उसको तुरंत जेल भेजें।
आरजेडी की सफाई आई सामने
वायरल वीडियो और कथित गाली देने के आरोप पर आरजेडी नेता मनोज कुमार झा ने सफाई पेश की है।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि –
बिहार चुनाव प्रचार में भारतीय जनता पार्टी द्वारा संपादित और भ्रामक वीडियो का एक बार पुनः सहारा लेना हताशा का स्पष्ट संकेत है। चुनाव जवाबदेही के क्षण होते हैं—जहां पार्टियां अपने रिकॉर्ड, दृष्टिकोण और विचारों को जनता के सामने रखती हैं। इसके बजाय, हम जो देख रहे हैं वह एक ध्यान भटकाने वाली रणनीति है जो भड़काने, गुमराह करने और ध्यान भटकाने के लिए बनाई गई है।
जब सत्ता में बैठी कोई पार्टी, अपने विशाल संसाधनों के साथ, संवाद के बजाय तोड़-मरोड़ में निवेश करना चुनती है, तो यह आत्मविश्वास नहीं, बल्कि असुरक्षा को उजागर करता है।