10 मई 2025 : पाकिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक बयान जारी कर लोगों से खाद्यान्न उपलब्धता के बारे में चिंता न करने की अपील की है. मंत्रालय का कहना है कि देश में वर्तमान स्थिति को देखते हुए हम पूरी तरह से तैयार हैं. हमारे पास धान, गेहूं, दालों, फल और सब्जियों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है.
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्रालय ने शनिवार को देशभर के नागरिकों को आश्वासन देते हुए एक पत्र जारी कर जारी किया है. मंत्रालय द्वारा जारी पत्र में बताया गया है कि वर्तमान परिस्थिति में देश की खाद्य सुरक्षा को लेकर किसी भी नागरिक को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है.
‘पर्याप्त मात्रा में हैं अनाज, दाल और फल’
पत्र में कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने कहा कि हमारे पास धान, गेहूं, दालों, फल और सब्जियों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है. देशभर में किसानों से फसल की खरीदी सुचारू रूप से जारी है और अनाज से लेकर बागवानी तक सभी क्षेत्रों में उत्पादन लक्ष्य से ऊपर है.
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पत्र में आगे लिखा है कि हर खेत तक जरूरी जानकारी, संसाधन और समर्थन पहुंचाने की दिशा में सतत समीक्षा और समन्वय किया जा रहा है. किसान वैज्ञानिक और प्रशासन तीनों एकजुट हैं. साथ ही केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण तथा ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरोसा दिया है कि हमारी तैयारियां पूरी है.
हमारे पास है जरूरत से ज्यादा स्टॉक: प्रह्लाद जोशी
इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय केंद्रीय खाद्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने एक बयान जारी कर बताया कि देश में जरूरी चीजों की कोई कमी नहीं है, पूरे देश पर्याप्त स्टॉक मौजूद है.
‘बाजार में न लगाए भीड़’
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हमारे पास वर्तमान में सामान्य आवश्यकता से कई गुना अधिक स्टॉक उपलब्ध है. चाहे वह चावल, गेहूं, या चना, तूर, मसूर, या मूंग जैसी दालें हों. बिल्कुल कोई कमी नहीं है और नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे घबराएं नहीं या खाद्य अनाज खरीदने के लिए बाजारों में भीड़ न लगाएं.’
जमाखोरी करने वालों पर होगी कार्रवाई
साथ ही उन्होंने अपनी एक्स पोस्ट में कहा, ‘देश में खाद्य स्टॉक के बारे में प्रचारित संदेशों पर विश्वास न करें. हमारे पास आवश्यक मानकों से कई अधिक खाद्य स्टॉक है. भाम्रक संदेशों पर ध्यान न दे. आवश्यक वस्तुओं के व्यापार में शामिल व्यापारियों, थोक विक्रेताओं, खुदरा विक्रेताओं या व्यावसायिक संस्थाओं को कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ सहयोग करने का निर्देश दिया जाता है. जमाखोरी या स्टॉक पाइलिंग में शामिल किसी भी व्यक्ति के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत कार्रवाई की जाएगी.’