सीजी भास्कर 29 अप्रैल जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में भयावह आतंकी हमले के बाद देश ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए हैं. सरकार ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया है. सरकार के इस कदम को लेकर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत के भाई नरेश टिकैत ने कहा कि सिंधु जल संधि को रद्द करना ठीक नहीं है.इसी के बाद अब नरेश टिकैत के बयान पर सियासत छिड़ गई है. देश के सबसे बड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय महामंत्री मोहिनी मोहन मिश्रा ने बयान जारी किया है. उन्होंने कहा, भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का बयान देशविरोधी ताकतों का समर्थन है.
साथ ही उन्होंने इस बयान की निंदा की.नरेश टिकैत के खिलाफ संघमिश्रा ने सरकार से अपील की के नरेश टिकैत के पाकिस्तान समर्थित बयानों की सरकार जांच करें. मिश्रा ने कहा, राष्ट्र हित सर्वोपरि का भाव ही हमारी प्रधानता है. मिश्रा ने कहा कि इस बात की जांच होनी चाहिए कि किसके इशारे पर इस तरह के पाकिस्तान के समर्थन वाले बयान इनकी तरफ से दिए जा रहे हैं.साथ ही उन्होंने कहा, किसान के नाम पर घोर राजनैतिक आंदोलन चलाने वाले आंदोलन जीवियों के आकाओं की पहचान कर देश की सरकारों की तरफ से कड़ी कार्यवाही न करना भी गंभीर मामला है. इसलिए इन लोगों का खुलेआम देश विरोधी ताकतों का मुखौटा बनना आम बात हो गई है.Naresh Tikait (1)पाकिस्तान समर्थक बयान की हो जांचमिश्रा ने कहा कि ऐसे बयानों से आतंकवादियों व देश विरोधी शक्तियों को ताकत मिलती है.
देश के दुश्मनों को जड़ से खत्म कर देना ही इस समस्या का हल है. उन्होंने कहा कि इन तथाकथित नेताओं के बयान का भारत का किसान विरोध करेगा. मिश्रा ने किसान आंदोलन का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा, किसान आंदोलन के नाम से जो घटनाक्रम देश के सामने आया था उससे इन तथाकथित किसान नेताओं के चेहरे उजागर हुए हैं.साथ ही उन्होंने किसान संघ की मांग भी रखी. उन्होंने कहा, भारतीय किसान संघ की मांग है कि सरकार इन देश विरोधी ताकतों के समर्थित बयान जीवियों की जांच कर कार्यवाही करें,
जिससे इन लोगों में भी देश हित और राष्ट्र हित सर्वोपरि का भाव जागृत हो सके.पहलगाम में हुआ अटैकजम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को पाकिस्तान की तरफ से भयानक हमला किया गया. इस हमले में आतंकवादियों ने निहत्थे टूरिस्ट को निशाना बनाया. 26 टूरिस्ट की इस में मौत हुई जिसमें 2 विदेशी पर्यटक भी शामिल थे. इस अटैक के बाद से ही भारत अलर्ट हो गया और आतंकवाद का सफाया करने का काम तेज कर दिया गया है. इसी के चलते पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को रद्द करने का फैसला भी लिया गया है.