गौरेला-पेंड्रा
गौरेला नगर पालिका क्षेत्र में निर्माणाधीन अटल परिसर को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विवाद का केंद्र इस बार कोई और नहीं, बल्कि खुद पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा बन गई है। नगर पालिका अध्यक्ष एवं भाजपा नेता मुकेश दुबे ने कलेक्टर को लिखित शिकायत सौंपते हुए प्रतिमा के मानकों पर सवाल खड़े किए हैं।
शिकायत में बताया गया है कि प्रतिमा की लंबाई, वजन और निर्माण सामग्री तय मापदंडों के अनुरूप नहीं है। नियमानुसार, प्रतिमा की लंबाई 7 फीट और आधार (पैडेस्टल) की ऊंचाई 9 इंच होनी चाहिए, वहीं कुल वजन 810 किलोग्राम होना अनिवार्य है। लेकिन मौजूदा प्रतिमा इन मापदंडों से मेल नहीं खा रही, जिससे भाजपा के अंदर ही असंतोष उभर आया है।
30 लाख की लागत, अब उठने लगे सवाल
वार्ड क्रमांक 10 में दत्तात्रेय पहाड़ी और कलेक्टर बंगले के बीच मुख्य सड़क किनारे लगभग 30 लाख रुपये की लागत से अटल परिसर का निर्माण कराया जा रहा है। परियोजना के भूमि पूजन के समय भाजपा नेताओं में खासा उत्साह था, लेकिन जैसे-जैसे निर्माण अंतिम चरण में पहुंचा, अंदरूनी असहमति सामने आने लगी।
भाजपा नेताओं की नाराजगी, CMO के जवाब पर भी सवाल
यह पहला मौका नहीं है जब किसी नेता की प्रतिमा को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर भी प्रशासनिक लापरवाही और मानक उल्लंघन के आरोप लग चुके हैं।
अब अटल जी की प्रतिमा को लेकर भी CMO नारायण साहू पर उंगलियां उठ रही हैं। हालांकि साहू ने कहा कि “मूल्यांकन मानकों का पालन किया गया है, फिर भी अगर किसी को आपत्ति है तो जांच कर सुधार कराया जाएगा।”
क्या है राजनीतिक संदेश?
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह विवाद केवल तकनीकी मानकों का मामला नहीं, बल्कि आंतरिक संगठनात्मक संवादहीनता और समन्वय की कमी का संकेत भी है। एक ओर जहां भाजपा अटल जी को राष्ट्रपुरुष मानती है, वहीं उनकी प्रतिमा पर उठे सवाल से पार्टी की छवि को नुकसान हो सकता है।