सीजी भास्कर, 2 अगस्त |
रायपुर
दुर्ग रेलवे स्टेशन पर मानव तस्करी और मतांतरण के आरोप में गिरफ्तार हुईं केरल की दो ननों को NIA कोर्ट से ज़मानत मिल गई है। शनिवार को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं, लिहाज़ा दोनों को ज़मानत दी जाती है।
क्या है मामला?
25 जुलाई को दुर्ग रेलवे स्टेशन के पास बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने दो ननों को तीन आदिवासी युवतियों और एक युवक के साथ रोका था। कार्यकर्ताओं ने मानव तस्करी और मतांतरण की आशंका जताते हुए हंगामा किया और पुलिस को बुलाया। युवतियों ने पूछताछ में बताया कि वे आगरा के एक अस्पताल में नौकरी के लिए जा रही थीं।
जांच और गिरफ्तारियां
दुर्ग GRP ने ननों को हिरासत में लिया और न्यायालय में पेश किया। मामला गंभीर होने के कारण जांच NIA को सौंप दी गई। शुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां अभियोजन पक्ष ने जमानत का विरोध किया जबकि बचाव पक्ष ने दलील दी कि ननों ने जांच में पूरा सहयोग किया है और उनके खिलाफ कोई ठोस प्रमाण नहीं है।
कोर्ट का फैसला
शनिवार को NIA कोर्ट ने सुनवाई के बाद दोनों ननों को ज़मानत दे दी। अदालत ने स्पष्ट किया कि जांच अभी प्रारंभिक स्तर पर है और जब तक कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिलते, गिरफ्तारी के आधार पर सज़ा नहीं दी जा सकती।
सियासी प्रतिक्रिया तेज़
इस मुद्दे ने प्रदेश ही नहीं, बल्कि दिल्ली और केरल तक सियासी तूफ़ान खड़ा कर दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का बयान:
“कानून अपना काम कर रहा है। अदालत का जो भी फैसला होगा, सरकार उसे मानेगी।”
डिप्टी सीएम विजय शर्मा बोले:
“बस्तर में बढ़ता मतांतरण समाज के लिए बड़ा खतरा है। सभी दलों को मिलकर इसके खिलाफ कदम उठाना चाहिए।”
कांग्रेस और विपक्ष की नाराज़गी
कांग्रेस और वामपंथी दलों ने इस गिरफ्तारी को “पूर्वनियोजित साजिश” बताया और कहा कि यह देश के सांप्रदायिक सौहार्द पर हमला है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस घटना को “गंभीर अन्याय” करार देते हुए कहा कि नन केवल गरीब लड़कियों को काम पर ले जा रही थीं।
चर्च और केंद्र के बीच संपर्क
मामला गंभीर होता देख केरल भाजपा अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कैथोलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया के अध्यक्ष आर्चबिशप एंड्रयूज थाझथ से भेंट की।
आर्चबिशप ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि –
“इनमें से एक नन पिछले 30 वर्षों से कुष्ठ रोगियों की सेवा कर रही थीं। उनकी गिरफ्तारी चर्च को आहत करने वाली है।”
उन्होंने बताया कि इस मसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह तक पहुंचाया गया है और उचित कार्रवाई का भरोसा दिया गया है।
आगे क्या?
- NIA की जांच जारी रहेगी
- कोर्ट ने दोनों ननों को सशर्त ज़मानत दी है
- सियासत और सामाजिक संगठनों की निगाहें अब इस केस के अगले मोड़ पर टिकी हैं