सीजी भास्कर 25 जुलाई
ढाका:
बांग्लादेश में हाल ही में एक ऐसा सरकारी आदेश सामने आया जिसने देशभर में बहस और गुस्से की लहर पैदा कर दी। सेंट्रल बैंक ने महिला अधिकारियों के लिए एक नया ड्रेस कोड लागू करने की कोशिश की, जिसमें शॉर्ट ड्रेस, शॉर्ट स्लीव और लेगिंग्स पहनने पर रोक लगाई गई थी। इस फरमान की तुलना तालिबान जैसी ‘मोरल पुलिसिंग’ से की जा रही है।
क्या था आदेश?
बांग्लादेश बैंक के मानव संसाधन विभाग ने सभी महिला कर्मचारियों से “शालीन और पेशेवर” कपड़े पहनकर आने की हिदायत दी थी। इसमें साड़ी, सलवार-कुर्ता, सादा हिजाब या हेडस्कार्फ़ पहनना अनिवार्य बताया गया। साथ ही, छोटी बाजू के कपड़े, लेगिंग्स और टाइट ड्रेस पर सख्त मनाही की गई थी। पुरुष कर्मचारियों को भी जींस और फैंसी पायजामे से परहेज करने और फॉर्मल शर्ट-पैंट व जूते पहनने के निर्देश दिए गए थे।
सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा
जैसे ही ये आदेश सामने आया, सोशल मीडिया पर जनता का गुस्सा फूट पड़ा। फेसबुक और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लोगों ने बैंक प्रशासन से पूछा कि “शालीनता” की परिभाषा कौन तय करेगा?
एक यूज़र ने तंज कसते हुए लिखा – “बांग्लादेश बैंक की महिला अधिकारियों पर तालिबानी ड्रेस कोड थोपने की कोशिश हो रही है, लेकिन गवर्नर की बेटी जो चाहे वो पहन सकती है।”
कई लोगों ने इस फरमान की तुलना अफ़ग़ानिस्तान के तालिबान शासन से की, जहां महिलाओं के पहनावे पर सख्त पाबंदियाँ लगाई गई हैं।
महिला संगठनों ने जताया विरोध
बांग्लादेश महिला परिषद की अध्यक्ष फ़ौजिया मुस्लिम ने इसे “सांस्कृतिक आज़ादी पर हमला” बताया। उन्होंने कहा – “यह आदेश दर्शाता है कि एक विशेष संस्कृति को जबरन लागू करने की कोशिश की जा रही है। यह अभूतपूर्व और अस्वीकार्य है।”
जन विरोध के आगे झुका सेंट्रल बैंक
तीन दिन के अंदर जब सोशल मीडिया और महिला संगठनों का दबाव तेज हुआ, तब जाकर सेंट्रल बैंक को आदेश वापस लेना पड़ा। बैंक के प्रवक्ता आरिफ हुसैन खान ने सफाई देते हुए कहा कि – “यह सर्कुलर केवल सलाहात्मक था, कोई बाध्यता नहीं थी। बुर्का या हिजाब पहनने की अनिवार्यता नहीं थी।”
लेकिन तब तक बवाल इतना बढ़ चुका था कि सरकार पर भी सवाल उठने लगे।
ड्रेस कोड से आगे बढ़ा विवाद
मामला यहीं नहीं रुका। बुधवार रात सरकार ने एक नया अध्यादेश पारित किया, जिसमें सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई का प्रस्ताव रखा गया। इसने जनता के बीच और भी गुस्सा भड़का दिया।