सीजी भास्कर, 5 नवंबर। देश की स्वदेशी तकनीक से विकसित पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper Train) ने अपनी क्षमता का शानदार प्रदर्शन किया है। पश्चिम-मध्य रेलवे के कोटा मंडल (Kota Division) में इस हाई-स्पीड ट्रेन का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा किया गया, जिसमें यह ट्रेन 180 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार (180 km/h speed) से दौड़ी।
ट्रायल के दौरान लोको पायलट ने ट्रेन के भीतर तीन गिलास पानी रखे थे, लेकिन तेज रफ्तार के बावजूद पानी छलका नहीं यह ट्रेन की स्थिरता और वाइब्रेशन-कंट्रोल तकनीक की सफलता का प्रमाण माना जा रहा है। यह परीक्षण 800 टन के रैक भार (800-ton load) के साथ किया गया।
दो से 17 नवंबर तक चलेगा ट्रायल
अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (RDSO), लखनऊ की परीक्षण निदेशालय टीम द्वारा 2 से 17 नवंबर तक इस ट्रेन का ट्रायल किया जा रहा है। वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि यह ट्रायल सवाई माधोपुर कोटा नागदा खंड (Sawai Madhopur–Kota–Nagda section) पर किया गया। ट्रेन में 16 कोच लगाए गए हैं और हर तकनीकी पहलू जैसे ब्रेकिंग दक्षता (braking efficiency), स्थिरता (stability), कंपन स्तर (vibration levels) और विद्युत प्रणाली की विश्वसनीयता (electrical reliability) की जांच की जा रही है।
स्लीपर रैक में यात्रियों के लिए उन्नत सुविधाएं
वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में यात्रियों को लंबी दूरी की यात्रा के दौरान अधिक सुविधा देने पर जोर दिया गया है। इसमें फुली एयर-कंडीशंड कोच, नो-वाइब्रेशन सस्पेंशन सिस्टम, ऑटोमैटिक डोर लॉकिंग, और नॉइज़-कंट्रोल कैबिन जैसी तकनीकें शामिल हैं। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, यह ट्रेन भविष्य में दिल्ली–मुंबई और चेन्नई–बेंगलुरु जैसे प्रमुख मार्गों पर नियमित सेवा में शामिल की जाएगी।
तकनीकी विशेषज्ञों की निगरानी में चला ट्रायल
ट्रायल की निगरानी वरिष्ठ अधिकारी राधेश्याम तिवारी के नेतृत्व में की जा रही है। टीम में आरडीएसओ, कोटा मंडल, और रेलवे इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग शाखा के तकनीकी विशेषज्ञ शामिल हैं। ट्रायल के दौरान विभिन्न गति स्तरों पर ब्रेकिंग टेस्ट, करंट कंजम्प्शन एनालिसिस, और सिग्नलिंग इंटीग्रेशन टेस्ट भी किए जा रहे हैं। प्रारंभिक रिपोर्ट में ट्रेन के सभी पैरामीटर “उत्कृष्ट” दर्ज किए गए हैं।
