संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होते ही सदन में राजनीति (Vande Mataram discussion Lok Sabha) और प्रक्रियाओं की गर्मी बढ़ गई है। सोमवार को सत्र की कार्यवाही मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) पर विपक्ष की मांग को लेकर हंगामे के बीच चली। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर चर्चा न कराए जाने पर दोनों सदनों से वॉकआउट भी किया। इसी दौरान इस हफ्ते के अंत में लोकसभा में वंदे मातरम पर एक लंबी और विस्तृत चर्चा होने की जानकारी सामने आई है।
वंदे मातरम पर गुरुवार या शुक्रवार को चर्चा संभव
सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार ने इस सप्ताह लोकसभा में वंदे मातरम (Vande Mataram discussion Lok Sabha) पर विशेष चर्चा कराने का फैसला किया है।
चर्चा गुरुवार या शुक्रवार को हो सकती है
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने इसके लिए 10 घंटे का समय आवंटित किया है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी व्यक्तिगत रूप से इस चर्चा में हिस्सा लेंगे
राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा अगले सप्ताह होने की संभावना जताई जा रही है।
क्यों हो रही है यह विशेष चर्चा?
वंदे मातरम के 150 साल पूरे
आजादी की लड़ाई में इसके ऐतिहासिक योगदान को रेखांकित करने की कोशिश
संसदीय समितियों ने इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास किया
150 साल पूरे, सरकार इसे “राष्ट्रीय सम्मान” का विषय बता रही
वंदे मातरम के 150 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर विशेष चर्चा कराने का फैसला किया गया है।
संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि यह कोई राजनीतिक एजेंडा नहीं, बल्कि देश की विरासत और स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ा विषय है।
उन्होंने कहा—
“वंदे मातरम ने देश को स्वतंत्रता (Vande Mataram discussion Lok Sabha) की लड़ाई में एकजुट किया। 150 साल पूरे होने पर चर्चा स्वाभाविक है और सभी पार्टियों को इसमें शामिल होना चाहिए।”
रिजिजू ने इसे सर्वदलीय सहमति से आगे बढ़ने वाली प्रक्रिया बताया।
कांग्रेस का विरोध, टीएमसी ने तुरंत दी सहमति
लोकसभा की बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में कांग्रेस ने वंदे मातरम पर इस समय चर्चा कराए जाने पर सवाल खड़े किए।
कांग्रेस का तर्क था—
SIR (Special Intensive Revision) और चुनावी सुधार महत्वपूर्ण विषय हैं
सरकार ध्यान भटकाने के लिए वंदे मातरम की चर्चा आगे ला रही है
वहीं दूसरी ओर, टीएमसी ने इस प्रस्ताव पर तुरंत सहमति जता दी और कहा कि वंदे मातरम (Vande Mataram discussion Lok Sabha) देश का गौरव है और इसकी 150वीं वर्षगांठ पर चर्चा होना उचित है। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में कांग्रेस और बीजेपी के बीच वाकयुद्ध भी हुआ।
बैठक में मुख्य टकराव:
कांग्रेस: “यह मुद्दा अभी क्यों?”
बीजेपी: “150 साल पूरे हुए हैं—सत्र में चर्चा स्वाभाविक है।”
टीएमसी: “हम तैयार, चर्चा तुरंत हो।”
सरकार का रुख—“यह इतिहास और सम्मान का मुद्दा”
सत्तारूढ़ पार्टी के कई सदस्यों ने राज्यसभा की BAC बैठक में वंदे मातरम पर विस्तृत चर्चा का सुझाव दिया।
सरकार का स्पष्ट कहना है—
यह विषय राजनीति से परे है
स्वतंत्रता संग्राम के प्रतीक गीत के 150 वर्ष पूरे होना अपने आप में एक ऐतिहासिक क्षण
संसद में इसके सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और राष्ट्रीय महत्व को सामने लाना ज़रूरी
