सीजी भास्कर, 27 जून| Vikramaditya International Award : भारतीय सांस्कृतिक गौरव को वैश्विक मंच पर प्रतिष्ठा दिलाने के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सहमति से घोषणा की है कि उज्जैन के महान नरेश सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर हर वर्ष ‘सम्राट विक्रमादित्य अंतरराष्ट्रीय सम्मान’ प्रदान किया जाएगा। यह पुरस्कार भारत का पहला वैश्विक सांस्कृतिक सम्मान होगा, जिसकी पुरस्कार राशि एक करोड़ रुपये से अधिक निर्धारित की गई है।
यह सम्मान उन वैश्विक व्यक्तित्वों को दिया जाएगा, जिन्होंने संस्कृति, विज्ञान, न्याय, दानशीलता, प्रज्ञा, लोककल्याण और सुशासन जैसे क्षेत्रों में सम्राट विक्रमादित्य के मूल्यों को साकार करते हुए प्रेरणादायक योगदान दिया (Vikramaditya International Award)है। इस पुरस्कार की खास बात यह है कि इसे राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से संचालित किया जाएगा, जिससे इसकी गंभीरता, गरिमा और वैश्विक मान्यता सुनिश्चित हो सकेगी।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने यह पहल सम्राट विक्रमादित्य की विरासत और आदर्शों को पुनर्स्थापित करने के उद्देश्य से की है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को भारतीय संस्कृति और मूल्यों पर गर्व हो सके। उल्लेखनीय है कि पूर्व में मध्यप्रदेश सरकार द्वारा ‘सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रीय सम्मान’ और ‘प्रादेशिक शिखर सम्मान’ की घोषणा की गई (Vikramaditya International Award)थी, लेकिन पात्र व्यक्तियों के चयन में विलंब के कारण वे योजनाएं स्थगित हो गई थीं।
अब इस अंतरराष्ट्रीय स्वरूप के साथ योजना को नई दिशा और विस्तार मिल रहा है। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने इसे भारत की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा के लिए मील का पत्थर बताया है। उनका कहना है कि यह पुरस्कार भारत की संस्कृति, न्यायबोध, ज्ञान और वैज्ञानिक दृष्टिकोण को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान देगा। यह पहल न केवल मध्यप्रदेश को वैश्विक सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, बल्कि भारत के मूलभूत आदर्शों को भी एक नए स्तर पर प्रस्तुत करेगी।