सीजी भास्कर, 26 अप्रैल : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज निवास कार्यालय में राजस्व विभाग के कार्यों की गहन समीक्षा (Vishnu Dev Sai Meeting) करते हुए नागरिकों को समयबद्ध और सहज राजस्व सेवाएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने फौती-नामांतरण की प्रक्रिया में लापरवाही पर सख्त नाराजगी जताते हुए कलेक्टरों को समयसीमा का पालन सुनिश्चित कराने और अनदेखी करने वाले पटवारियों पर कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री (Vishnu Dev Sai Meeting) ने स्पष्ट किया कि राजस्व न्यायालयों का संचालन सप्ताह में न्यूनतम दो दिन अनिवार्य रूप से किया जाए और अधिकतम दो पेशियों में प्रकरणों का निराकरण हो। अनावश्यक रूप से पेशी बढ़ाने से बचने के निर्देश भी दिए गए।
आरबीसी 6-4 के अंतर्गत पीड़ित परिवारों को तात्कालिक सहायता उपलब्ध कराने और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय स्थापित कर कार्रवाई में देरी न करने पर भी जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त आवेदनों के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए ताकि शासन की छवि मजबूत हो।
ग्रामीण क्षेत्रों में डायवर्सन प्रक्रिया को डिजिटल तकनीक से सरल और त्वरित बनाने के निर्देश देते हुए उन्होंने अविवादित नामांतरण और बंटवारे के मामलों में देरी करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई की चेतावनी दी। डिजिटल क्रॉप सर्वे की समीक्षा के दौरान भूमि और फसल संबंधी सटीक जानकारी जुटाने के लिए राजस्व, कृषि, खाद्य और सूचना प्रौद्योगिकी विभागों की संयुक्त टीम गठित करने के निर्देश दिए गए।
राजस्व सचिव अविनाश चंपावत (Vishnu Dev Sai Meeting) ने भूमि अभिलेखों के कंप्यूटरीकरण, पंजीयन के डिजिटलीकरण और मॉडर्न रिकॉर्ड रूम की प्रगति की जानकारी दी। साथ ही राजस्व न्यायालय प्रबंधन प्रणाली के डिजिटलीकरण और पटवारियों के नियमित स्थानांतरण की जानकारी भी साझा की। राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि जमीन की खरीदी-बिक्री शासन द्वारा निर्धारित नियमों के अनुरूप कराई जाए और लंबित प्रकरणों का शीघ्र निपटारा किया जाए।