सीजी भास्कर, 19 सितंबर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में इस समय वोट चोरी का मुद्दा गरमाया हुआ है। कांग्रेस और भाजपा आमने-सामने हैं और एक-दूसरे पर गंभीर आरोप लगा रही हैं। कांग्रेस ने “वोट चोर गद्दी छोड़” अभियान छेड़ा है तो भाजपा ने इसे झूठ और भ्रामक प्रचार करार दिया है। इस पूरे घटनाक्रम ने प्रदेश की सियासत में नया मोड़ जोड़ दिया है।
प्रदेश के वन एवं सहकारिता मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि राहुल गांधी और पूरी कांग्रेस पार्टी एक भ्रामक एजेंसी की तरह काम कर रही है। उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के झूठे दावों को पहले ही खारिज कर दिया है। उनका कहना था कि कांग्रेस केवल अफवाह फैलाकर लोकतंत्र को कमजोर करने का काम कर रही है। भाजपा ने इस पूरे प्रकरण को सियासी नाटक और वोट चोरी विवाद (Vote Rigging Controversy) पर जनता को गुमराह करने का प्रयास बताया है।
कांग्रेस का पलटवार
कांग्रेस ने भाजपा पर पलटवार करते हुए कहा कि भाजपा मुद्दे से भटकाने की कोशिश कर रही है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जो साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, वे बेहद गंभीर हैं। उनका कहना है कि मतदाता सूची में गड़बड़ियां हो रही हैं और यही वोट चोरी विवाद (Vote Rigging Controversy) की जड़ है। कांग्रेस ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
बैज ने कहा कि राहुल गांधी ने साक्ष्यों के साथ दिखाया कि कर्नाटक में कांग्रेस के वोटरों को चुनकर मतदाता सूची से हटाया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चुनाव आयोग डिजिटल वोटर लिस्ट राजनीतिक दलों को देने से बच रहा है। यह चुनावी प्रणाली की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है।
भाजपा का जवाब
भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस पहले अपनी जिम्मेदारी देखे। मंत्री केदार कश्यप ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पर खुद अपने विधायकों की चोरी कर सरकार गिराने के आरोप लगते रहे हैं, ऐसे में वह किस मुंह से वोट चोरी विवाद (Vote Rigging Controversy) की बात कर रही है। उनका कहना था कि राहुल गांधी और उनके सहयोगी केवल झूठ का सहारा लेकर चुनावी माहौल को बिगाड़ना चाहते हैं।
लोकतंत्र पर बहस
इस पूरे विवाद ने लोकतंत्र और चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता पर बहस छेड़ दी है। कांग्रेस का कहना है कि यदि वोट चोरी की घटनाएं (Vote Rigging Controversy) सही हैं तो यह लोकतांत्रिक ढांचे के लिए खतरे की घंटी है। वहीं भाजपा का मानना है कि यह सब कांग्रेस की सियासी रणनीति है, ताकि हार का ठीकरा चुनाव आयोग और विपक्ष पर फोड़ा जा सके।
जनता की नजर
अब जनता की नजर इस बात पर है कि यह विवाद कहां जाकर थमता है। चुनाव आयोग पर भी दबाव बढ़ा है कि वह पारदर्शिता बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए। फिलहाल भाजपा और कांग्रेस दोनों ही इस मुद्दे को चुनावी हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर रही हैं। वोट चोरी विवाद (Vote Rigging Controversy) आने वाले चुनावों में बड़ा सियासी मुद्दा बनने की ओर बढ़ रहा है।