सीजी भास्कर 22 अक्टूबर । छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक पति ने (Wife Killed by Husband) का दर्दनाक उदाहरण पेश करते हुए अपनी पत्नी की बेरहमी से हत्या कर दी।
सिर्फ इसलिए, क्योंकि पत्नी ने रात में खाना नहीं बनाया। मामूली बहस से शुरू हुआ झगड़ा धीरे-धीरे खून में बदल गया।
घटना भट्ठापारा इलाके की है, जहां रहने वाले अवतार सिंह ने अपनी पत्नी मंगली बाई पर डंडे से हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया।
पूरी रात आती रही चीखें, सुबह मिली खामोशी
पड़ोसियों ने बताया कि रविवार रात अवतार और मंगली के कमरे से लगातार झगड़े की आवाजें आ रही थीं।
महिला की चीखें देर रात तक सुनाई देती रहीं, लेकिन किसी को अंदाजा नहीं था कि यह झगड़ा उसकी मौत पर खत्म होगा।
सुबह जब अवतार बाहर निकला और पत्नी देर तक नहीं उठी, तब मकान मालकिन और पड़ोसियों को शक हुआ।
कमरा खोलने पर मंगली बाई (Domestic Violence Murder) की शिकार बनी हुई बेहोश पड़ी थी।
अस्पताल में तोड़ा दम, पति फरार
पड़ोसियों ने आनन-फानन में महिला को अस्पताल पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने इलाज के दौरान उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस को जैसे ही खबर मिली, सूरजपुर के डीआईजी और एसएसपी ने तुरंत जांच के निर्देश दिए।
आरोपी पति अवतार सिंह घटनास्थल से फरार हो गया था, लेकिन पुलिस ने पीछा कर उसे कुछ ही घंटों में पकड़ लिया।
Accused Confession: खाना न बनाने पर किया हमला
पुलिस पूछताछ में अवतार ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।
उसने बताया कि रात में मंगली ने खाना बनाने से मना कर दिया था।
बात बढ़ी, गुस्सा आया, और उसने कमरे में रखे डंडे से पत्नी पर वार कर दिया।
कुछ ही देर में मंगली ने दम तोड़ दिया।
पुलिस ने मौके से हत्या में इस्तेमाल हुआ डंडा जब्त कर लिया है और आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पड़ोसियों ने बताया डरावनी रात का मंजर
भट्ठापारा के लोगों ने बताया कि रात भर कमरे से चीखें आती रहीं।
कई बार लगा कि झगड़ा शांत हो गया, लेकिन फिर से आवाजें आने लगीं।
सुबह जब मंगली नहीं दिखी तो मकान मालकिन फुलकुंवर ने बाकी पड़ोसियों के साथ कमरे का दरवाजा खोला।
अंदर जो नज़ारा था, उसने सबको हिला दिया — (Wife Murder Case) एक खामोश शरीर, बिखरे सामान और दीवारों पर गुस्से के निशान।
महिलाओं के खिलाफ बढ़ रही हिंसा पर चिंता
यह घटना एक बार फिर घरेलू हिंसा (Domestic Violence Murder) की सच्चाई उजागर करती है।
सिर्फ गुस्से या अहंकार के कारण जान लेना समाज के लिए गंभीर संदेश है।
पुलिस अब इस केस को “स्पेशल इन्वेस्टिगेशन” के तहत देख रही है ताकि इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जा सकें।
समाज के लिए सबक – गुस्से का अंत हमेशा विनाश होता है
यह घटना केवल एक हत्या नहीं, बल्कि रिश्तों की संवेदनशीलता पर सवाल है।
एक वक्त का खाना किसी की जान से कीमती नहीं हो सकता।
सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि ऐसे मामलों में फास्ट-ट्रैक कोर्ट के जरिए जल्द से जल्द सज़ा दी जाए, ताकि किसी और मंगली की जान न जाए।