सीजी भास्कर, 3 सितंबर। संपत्ति का ब्यौरा न देने वाले अधिकारियों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने कठोर कदम उठाया है। मानव संपदा पोर्टल पर संपत्ति का ब्यौरा न देने पर 2 लाख 44 हजार 565 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है।
आपको बता दें कि सरकार ने बार-बार आदेश जारी कर कर्मचरियों को संपत्ति की डिटेल पोर्टल पर अपलोड करने के लिए कहा था। इसके बावजूद अधिकारी बेफिक्र रहे। अब सरकार ने ऐसे लाखों कर्मचारियों के खिलाफ एक्शन ले लिया है। इन अधिकारियों में आईएएस अधिकारी भी शामिल हैं।उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह द्वारा सभी सरकारी कर्मचारियों को मानव संपदा पोर्टल पर 31 अगस्त तक चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए आदेश दिया गया था बावजूद इसके लाखों कर्मचारी अपनी संपत्ति बताने में असफल रहे। केवल 71 प्रतिशत सरकारी कर्मचारी ही अपनी संपत्ति बता पाए हैं।
उत्तरप्रदेश में कुल 8 लाख 46 हजार 640 सरकारी कर्मचारी हैं। इनमें से 6 लाख 2 हजार 75 कर्मचारियों ने अपनी मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड की है। मुख्य सचिव द्वारा आईएएस और पीसीएस स्तर के अधिकारियों के साथ सरकारी विभागों में कार्यरत कर्मचारियों को संपत्ति का ब्यौरा देने के लिए कहा गया था। इन कर्मचारियों में शिक्षक और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारी शामिल नहीं है। इसके पहले सम्पत्ति न बताने वाले कर्मचारियों का प्रमोशन रोकने के आदेश भी दिए गए थे। सरकार ने सभी अधिकारी और कर्मचारियों को एक मौका देते हुए 31 अगस्त की डेडलाइन रखी थी। चल-अचल संपत्ति का ब्यौरा न देने वालों के लिए मुख्य सचिव की ओर से जल्द ही आदेश जारी किये जाएंगे।