सीजी भास्कर, 5 अगस्त |
रायपुर/जगदलपुर | छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर अब तेजी से बदल रही है। 1 जनवरी 2024 से 16 जून 2025 के बीच बस्तर के 130 सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों को राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन प्रमाणपत्र (NQAS) मिला है। इनमें 1 जिला अस्पताल, 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 113 उप-स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं।
इस लिस्ट में नक्सल प्रभावित जिले कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा के 14 स्वास्थ्य केंद्रों का शामिल होना, सरकार के प्रयासों की बड़ी सफलता मानी जा रही है।
गुणवत्ता की ओर बढ़ता बस्तर: 65 संस्थाएं और वेटिंग में
राज्य स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक अभी 65 अन्य स्वास्थ्य संस्थाएं भी प्रमाणीकरण की प्रक्रिया में हैं। ये सभी संस्थाएं बस्तर की स्वास्थ्य सुविधाओं को राष्ट्रीय स्तर के मानकों पर लाकर खड़ा कर रही हैं।
36 हजार से ज्यादा आयुष्मान कार्ड, 8 करोड़ की मुफ्त इलाज सहायता
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, बस्तर संभाग में पिछले 1.5 साल में 36,231 आयुष्मान भारत कार्ड बनाए गए हैं। अब तक 6,816 से अधिक लोगों को ₹8.22 करोड़ की चिकित्सा सहायता मुफ्त में मिल चुकी है। स्वास्थ्य बीमा की ये पहुंच अब गांव-गांव तक हो रही है।
स्वास्थ्य ढांचे में रिकॉर्ड नियुक्तियाँ
बस्तर में चिकित्सा सेवाओं को मजबूत करने के लिए सरकार ने पिछले डेढ़ साल में 33 मेडिकल स्पेशलिस्ट, 117 मेडिकल ऑफिसर और 1 डेंटल सर्जन की नियुक्ति की है। इसके साथ ही राज्य और जिला स्तर पर 382 प्रबंधकीय पदों पर भर्ती पूरी की जा चुकी है, जबकि 291 पदों पर प्रक्रिया जारी है।
CM विष्णुदेव साय ने कहा – “बस्तर पर विशेष फोकस है”
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि मितानिनों, हेल्थ वर्करों और विभागीय कर्मियों की मेहनत से बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं का कायाकल्प हो रहा है। “हमारी सरकार का बस्तर पर विशेष फोकस है और इसे निरंतर मजबूत किया जाएगा।”
मलेरिया-मुक्त बस्तर अभियान की सराहना
राज्य के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि “बस्तर में मलेरिया पर काबू पाने के लिए घर-घर जांच, त्वरित इलाज और जागरूकता अभियान चलाए गए। इसके सकारात्मक परिणाम मिल रहे हैं।”
स्वास्थ्य मंत्री का 3 दिवसीय बस्तर दौरा
स्वास्थ्य मंत्री 5 अगस्त से 7 अगस्त तक तीन दिवसीय दौरे पर बस्तर संभाग में रहेंगे। वे बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा और जगदलपुर के अस्पतालों, मेडिकल कॉलेजों और गांवों का निरीक्षण करेंगे। साथ ही मलेरिया मुक्त अभियान और स्वास्थ्य समितियों की प्रगति की समीक्षा भी करेंगे।