सीजी भास्कर 11 मार्च। RuPay Debit Card: भारत में डिजिटल लेनदेन के प्रति लोगों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है. खासतौर पर यूपीआई (UPI) और RuPay डेबिट कार्ड के इस्तेमाल में जबरदस्त इजाफा देखने को मिल रहा है. सरकार द्वारा डिजिटल इंडिया को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों और लोगों की बढ़ती डिजिटल जागरूकता के कारण आज देश में बड़ी संख्या में लोग कैशलेस लेन-देन को प्राथमिकता दे रहे हैं.
अभी तक इनके जरिए किए जाने वाले लेन-देन पर किसी तरह की फीस (MDR) नहीं लगती है. एमडीआर यानी Merchant Discount Rate. यह वो चार्ज होता है, जो दुकानदार अपने बैंक को डिजिटल पेमेंट प्रोसेस करने पर देते हैं. फिलहाल अभी के समय में सरकार ने इस फीस को माफ किया हुआ है. लेकिन अब सरकार इसे दोबारा से लगाने का प्लान बना रही है.बड़े व्यापारियों पर लगेगा MDR?मीडिया रिपोर्ट ईटी के अनुसार, बैंकिंग इंडस्ट्री की तरफ से सरकार को एक प्रस्ताव भी भेजा गया है. इस प्रस्ताव में यह कहा गया है कि जिन दुकानदारों का सालाना टर्नओवर 40 लाख रुपए से अधिक है, उन पर MDR लागू किया जाएगा.
सरकार अभी इस प्रस्ताव पर विचार कर रही है. सरकार टियर सिस्टम भी लागू कर सकती है. इसका मतलब यह हुआ कि बड़े व्यापारियों पर ज्यादा शुल्क लगेगा और व्यापारी पर कम या बिल्कुल शुल्क नहीं लगेगा.MDR को वापस लाना क्यों जरूरी?इसपर बैंकों और पेमेंट कंपनियों का कहना है कि जब बड़े व्यापारी Visa, Mastercard और क्रेडिट कार्ड पर पहले से MDR दे रहे हैं तो फिर UPI और RuPay पर क्यों नहीं. बैंकों के अनुसार सरकार ने 2022 में इसे खत्म कर दिया था, उस समय इसका मकसद डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देना था.
MDR क्या है और क्यों लगता है?MDR यानी मर्चेंट डिस्काउंट रेट यह वह फीस होती है जो दुकानदार रियल टाइम में पेमेंट स्वीकार करने की सुविधा बदले देते हैं. जब ग्राहक UPI या डेबिट कार्ड से पेमेंट करता है तो बैंक और पेमेंट कंपनियों को इंफ्रास्ट्रक्चर का खर्च उठाना पड़ता है. इसी खर्च की भरपाई के लिए यह फीस ली जाती है.