24 मार्च 2025 :
Lok Sabha 2024 Election: पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में सभी राजनीतिक दलों ने जमकर पैसा बहाया, लेकिन यह जानकर हैरानी होगी कि खूब पैसा खर्च करने के बाद भी ज्यादातर राजनीतिक दलों के बैंक बैलेंस में कोई खास कमी नहीं आई. यहां तक कि 6 पार्टियां तो ऐसी रहीं, जिनके बैलेंस में उल्टा इजाफा हो गया. इन 6 पार्टियों में पहले पायदान पर भारतीय जनता पार्टी का नाम है, जिसने महज ढाई महीनों में 4 हजार करोड़ से ज्यादा का बैलेंस बढ़ाया.
लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान 16 मार्च 2024 को हुआ था. वहीं, 4 जून को नतीजे आए थे. इस दौरान सभी राजनीतिक दलों ने चुनाव आयोग को अपने-अपने बैंक बैलेंस की जो रिपोर्ट सौंपी थी, उस पर कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव (CHRI) ने एक एनालिसिस किया. इस रिसर्च के आधार पर यह पता चला कि चुनावों की तारीखों के ऐलान के दिन किस पार्टी के अकाउंट में कितना पैसा था और चुनाव खत्म होने वाले दिन इनके पास कितना-कितना पैसा बचा.
बीजेपी का बैंक बैलेंस 4185 करोड़ बढ़ा
16 मार्च को 2024 को बीजेपी के खाते में 5921 करोड़ रुपए थे. चुनाव खत्म होने वाले दिन यह राशि 10,107 करोड़ पर पहुंच गई. यानी इसमें 4185 करोड़ की बढ़ोतरी दर्ज हुई. बीजेपी ने चुनाव आयोग को बताया कि आम चुनाव के दौरान उसने 6268 करोड़ रुपये का चंदा हासिल किया, जबकि उसका खर्च महज 1738 करोड़ रहा.
इन पांच पार्टियों ने भी बढ़ाया बैलेंस
बीजेपी की ही तरह उसकी दो प्रमुख सहयोगी पार्टियों की भी बल्ले-बल्ले रही. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी के बैंक बैलेंस में इन ढाई महीनों में 65.4 करोड़ और चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान) के खाते में 9.9 करोड़ रुपए का भारी भरकम इजाफा हुआ. तीन अन्य पार्टियों ने भी इस चुनाव काल में बैंक बैलेंस बढ़ाया. सीपीएम 8 करोड़, एसडीएफ 76 लाख और एआईयूडीएफ 3.6 लाख रुपए प्लस में रही.
कांग्रेस का क्या रहा हाल?
16 मार्च के दिन कांग्रेस के खाते में 262.8 करोड़ रुपए थे. ढाई महीने बाद जब चुनाव खत्म हुए तो इस सबसे पुरानी राष्ट्रीय पार्टी के पास महज 134 करोड़ बचे. कांग्रेस की प्रमुख सहयोगी पार्टी जैसे एसपी और डीएमके की स्थिति कांग्रेस से कहीं बेहतर रही. चुनाव समाप्त होने पर सपा का बैलेंस 340 करोड़ और डीएमके का बैलेंस 339 करोड़ था.
22 पार्टियों का विश्लेषण
22 पार्टियों के बैंक खातों के इस विश्लेषण में यह साफ हुआ कि चुनाव तारीखों की घोषणा वाले दिन इन पार्टियों के खाते में कुल जमा राशि 11,326 करोड़ थी, जो चुनाव खत्म होने के बाद 14,848 करोड़ बची. इस दौरान इन 5 राष्ट्रीय और 17 क्षेत्रीय पार्टियों ने मिलकर 7416 करोड़ रुपए चंदा जमा किया और 3861 करोड़ चुनाव में खर्च किए.