सीजी भास्कर, 29 मार्च। वन विभाग की रायपुर उड़नदस्ता टीम ने देवभोग ब्लाक के ग्राम घूमरगुड़ा में छापेमारी (Raid in Van Karmi House) कर वन विभाग के दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी सत्यवान ठाकुर के घर से छह नग सागौन चिरान जब्त किया। इस कार्यवाही के बाद वन विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो गए हैं।
सूत्रों के अनुसार, वन विभाग (Raid in Van Karmi House) को गुप्त सूचना मिली थी कि ग्राम घूमरगुड़ा में अवैध रूप से सागौन चिरान रखा गया है। सूचना के आधार पर रायपुर उड़नदस्ता टीम ने सत्यवान ठाकुर के घर छापा मारा, जहां से 0.068 घन मीटर सागौन चिरान जब्त किया गया। इसकी अनुमानित कीमत 13 हजार रुपए आंकी गई है। वन अपराध प्रकरण 17483109 के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस कार्रवाई से वन विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। जहां विभाग अवैध लकड़ी कटाई और तस्करी रोकने के लिए अभियान चला रहा है, वहीं उसके ही कर्मचारी के घर से सागौन चिरान मिलना चिंताजनक है। क्या विभाग अवैध लकड़ी तस्करी को बढ़ावा दे रहा है या फिर इस मामले में कोई बड़ा रैकेट सक्रिय है।
सीसीएफ की टीम की कार्यशैली पर संदेह (Raid in Van Karmi House)
स्थानीय लोगों के अनुसार, सीसीएफ की टीम महज खानापूर्ति कर लौट गई। छापेमारी के बाद एसीएफ तरुण तिवारी और उनकी टीम ने स्थानीय अधिकारियों को पंचनामा तैयार करने का आदेश दिया और रवाना हो गए। इससे उनकी कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। इस कार्यवाही के बाद क्षेत्रीय अधिकारियों के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठ रहे हैं।
स्थानीय लोगों में चर्चा है कि अधिकारियों की ढील के कारण अवैध लकड़ी कटाई जोरों पर है। इस मामले में दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी सत्यवान ठाकुर ने बताया कि उसने यह सागौन एक किसान से मंदिर निर्माण के लिए खरीदा था। हालांकि, इस दावे की प्रामाणिकता जांच के दायरे में है। इस पूरे मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं।