08 अप्रैल 2025 :
Maharashtra Politics: एकनाथ शिंदे गुट के नेता संजय निरुपम ने वक्फ बोर्ड की जमीन पर शिवसेना (UBT) के स्टैंड समेत कई मसलों को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि UBT (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) गुट के नेताओं का यह कहना कि वक्फ बोर्ड का किसी धर्म या जाति से लेना-देना नहीं है, यह जनता की आंखों में धूल झोंकने जैसा है. यह विषय सिर्फ रियल एस्टेट या जमीन-जायदाद का नहीं, बल्कि देश की ज़मीन और जनभावनाओं से जुड़ा मुद्दा है.
शिवसेना प्रवक्ता ने आगे कहा, ”UBT नेताओं की संपत्ति और जमीन में गहरी दिलचस्पी जगजाहिर है. इसी कारण वो वक्फ के मुद्दे को सिर्फ प्रॉपर्टी विवाद बताकर सच्चाई से भाग रहे हैं. सवाल ये है कि क्या UBT वाकई वक्फ बोर्ड की जमीनों में रुचि ले रही है?”
वक्फ की जमीनें कोई गल्फ कंट्री से नहीं आईं- संजय निरुपम
उन्होंने आगे कहा, ”आज वक्फ की जमीनें कोई गल्फ कंट्री से नहीं आईं है. ये भारत की जमीनें हैं और जब इनका दुरुपयोग होता है तो सरकार का कर्तव्य है कि वो निगरानी रखे और जरूरी कदम उठाए लेकिन अगर UBT इस पर चुप्पी साधती है, तो यह आम जनता के साथ विश्वासघात है.”
वक्फ बिल पर UBT की भूमिका उजागर हो चुकी- निरूपम
एकनाथ शिंदे गुट के नेता निरुपम ने आग कहा, ”वक्फ बोर्ड से जुड़े संशोधन बिल पर संसद में शिवसेना (UBT) की भूमिका पूरी तरह उजागर हो चुकी है. मुस्लिम संगठनों से दबाव में आकर संशोधन का विरोध करना और अब पीछे हट जाना यह साफ दर्शाता है कि यूबीटी की नीति और नीयत में फर्क है.”
यूबीटी ने अपने ही आदर्शों को तिलांजलि दी- निरुपम
संजय निरुपम ने हमला बोलते हुए कहा, ”मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति के लिए अगर शिवसेना (UBT) बालासाहेब ठाकरे के सिद्धांतों की बलि चढ़ा रही है, तो ये गद्दारी उन्हें महंगी पड़ेगी. UBT जिसका पूरा नाम कुछ यूं समझा जा सकता है कि U मतलब Use, B- (Baap), T मतलब Throw है. ये पार्टी आज अपने ही आदर्शों को तिलांजलि दे चुकी है.
खुलताबाद का नाम बदलने को लेकर क्या बोले?
शिंदे गुट के नेता ने कहा, ”खुलताबाद का नाम रक्तपुरी रखने की बात मंत्री संजय सिरसाट ने पहले ही उठाई थी लेकिन अब जब जनता का दबाव बढ़ा है तो UBT ‘चलती ट्रेन’ में चढ़कर उसका समर्थन कर रही है. सवाल ये है कि 22 महीनों के कार्यकाल में ये कहां थे?”
महंगाई के मुद्दे पर क्या बोले संजय निरुपम?
संजय निरुपम ने महंगाई के सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”महंगाई आज एक गंभीर मुद्दा बन चुकी है. डीजल और पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी से आम आदमी की कमर टूट रही है. हालांकि सरकार का दावा है कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों पर 41,000 करोड़ रुपये का कर्ज है और उससे कुछ भार जनता पर आया है, लेकिन सुधार की जिम्मेदारी भी सरकार की ही है.
कुणाल कामरा विवाद पर संजय निरुपम ने क्या कहा?
शिवसेना नेता ने विवादों में घिरे कॉमेडियन कुणाल कामरा को लेकर भी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा, ”कुणाल कामरा जैसे लोगों को लेकर भी सवाल उठते हैं. अगर वो किसी नेता पर टिप्पणी करते हैं तो उन्हें उसके कानूनी परिणामों के लिए तैयार रहना होगा. अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर चरित्रहनन स्वीकार्य नहीं है.”
‘मराठी भाषा का सम्मान करना हर किसी का कर्तव्य’
संजय निरुपम ने कहा, ”मनसे द्वारा महाराष्ट्र में रहने वाले लोगों से मराठी बोलने का आग्रह कोई नई बात नहीं है. महाराष्ट्र की माटी से जुड़े होने के नाते मराठी भाषा का सम्मान करना हर किसी का कर्तव्य है चाहे वह औपचारिक स्थिति हो या अनौपचारिक लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि जो लोग हाल ही में शहर में आए हैं या जिन्हें मराठी बोलनी नहीं आती, उन पर दबाव बनाया जाए या उनके साथ मारपीट की जाए.”
उन्होंने ये भी कहा कि किसी भी भाषा को सिखाने का रास्ता प्रेम और संवाद से होकर जाता है, न कि हिंसा और धमकी से. हाल ही में कुछ बैंकों में कर्मचारियों के साथ हुई मारपीट जैसी घटनाएं निंदनीय हैं.