सीजी भास्कर, 22 अप्रैल। छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के इंदागांव (Indagaon) में हाल के दिनों में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को लेकर प्रशासन सक्रिय हो गया है।
रायपुर से आई छह सदस्यीय विशेषज्ञ टीम ने रविवार को गांव पहुंचकर पांच घंटे तक गहन जांच की। इस टीम में मनोरोग विशेषज्ञ, महामारी विभाग के डॉक्टर और सामाजिक व्यवहार के जानकार शामिल थे।
टीम ने आत्महत्या करने वाले परिवारों और गांव (Indagaon) के अन्य लोगों से बातचीत कर संभावित कारणों को समझने का प्रयास किया। टीम प्रमुख डॉ. संदीप अग्रवाल ने बताया कि प्रारंभिक जांच में नशे की लत, घरेलू तनाव और बेरोजगारी के चलते मानसिक अवसाद जैसे कारण सामने आ रहे हैं।
वहीं, विशेषज्ञ राजेंद्र बीनकर ने बताया कि युवाओं में बढ़ती निराशा और सामाजिक संवाद की कमी इस स्थिति को और गंभीर बना रही है। गौरतलब है कि पिछले महीने के केवल 20 दिनों में इंदागांव में आत्महत्या के 16 प्रयास हुए, जिनमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़ा प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के लिए गंभीर चिंता का विषय बन गया है।
जांच के दौरान यह भी सामने आया कि गांव (Indagaon) में कच्ची शराब बनाने के लिए धतूरा, यूरिया और तंबाकू पत्तों का उपयोग किया जा रहा है, जिससे इसकी मादकता अत्यधिक बढ़ रही है।
इसे रोकने के लिए स्थानीय प्रशासन ने महिला वाहिनी गठित कर अवैध शराब पर नियंत्रण की पहल शुरू की है।
विशेषज्ञों की टीम अपनी अंतिम रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी, जिससे भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी योजनाएं बनाई जा सके।