सीजी भास्कर, 14 मई। भारत और पाकिस्तान के बीच 10 मई को सीजफायर (India-Pakistan Ceasefire) लागू हुआ। इस बीच, मंगलवार को भारत ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पाकिस्तान उच्चायोग में कार्यरत एक पाकिस्तानी अधिकारी को उसकी आधिकारिक स्थिति के अनुसार कार्य न करने के कारण निष्कासित कर दिया।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि इस अधिकारी को भारत छोड़ने के लिए 24 घंटे का समय दिया गया है। इसके साथ ही, भारत ने नई दिल्ली में स्थित पाकिस्तानी उच्चायुक्त को अधिकारी की गतिविधियों पर एक आपत्तिपत्र भी सौंपा।
भारत ने पाकिस्तान (India-Pakistan Ceasefire) के उच्चायुक्त में कार्यरत एक अधिकारी को ‘persona non grata’ घोषित कर दिया है, जिसका अर्थ है कि सरकार उन्हें भारत में रहने के लिए उपयुक्त नहीं मानती।
भारत सरकार ने इस संबंध में पाकिस्तान हाई कमीशन के Chargé d’Affaires को एक डेमार्च भी जारी किया है, जिसका मतलब है कि सरकार ने इस मामले पर पाकिस्तान के प्रति औपचारिक रूप से विरोध प्रकट किया है।
22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, भारत ने ऑपरेशन सिंधु के तहत पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादी कैंपों को नष्ट किया और पाकिस्तानी सेना को भी करारा जवाब दिया। भारतीय सेनाओं ने पाकिस्तान में आतंक के ठिकानों और उनके प्रशिक्षण केंद्रों पर हमले किए। इसके अलावा, उन्होंने पाकिस्तानी वायुसेना के उन एयरबेस को भी नुकसान पहुंचाया, जिन पर पाकिस्तान को गर्व था।
सीजफायर (India-Pakistan Ceasefire) के तीन दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आदमपुर एयरबेस से पाकिस्तान को एक स्पष्ट संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की सभी कोशिशों के बावजूद, भारत के सैन्य प्रतिष्ठानों पर कोई आंच नहीं आई है। पीएम मोदी ने यह भी कहा, “आतंक के खिलाफ भारत की लक्ष्मण रेखा स्पष्ट है। यदि फिर से कोई आतंकी हमला हुआ, तो भारत जवाब देगा, और वह जवाब पक्का होगा।”