सीजी भास्कर, 21 मई। करीब 30 साल पहले अवैध शराब (Bhansoj Anti Bhatti Protest) के खिलाफ ऐतिहासिक आंदोलन में भाग ले चुके ग्रामों के ग्रामीणों ने अब पुनः असामाजिक गतिविधियों के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है।
19 मई को ग्राम टेकारी (कुंडा) में आयोजित समाधान शिविर में दर्जनों गांवों के प्रतिनिधियों ने जिलाधीश और पुलिस अधीक्षक के नाम ज्ञापन सौंपते हुए गांव-गांव में फैल रही अवैध शराब, गांजा, नशीली गोलियों और जुए के अड्डों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि शासन द्वारा दी गई “प्रति व्यक्ति 24 पौव्वा शराब” खरीदने की छूट का दुरुपयोग हो रहा है। लोग मोटरसाइकिल से शराब लाकर गांवों में खुलेआम बेच रहे हैं, जिससे गांवों में अघोषित शराबभट्ठी जैसे हालात बन गए हैं।
सार्वजनिक स्थलों पर नशे में धुत पियक्कड़ दिखाई देते हैं और पुलिस व आबकारी विभाग इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं कर रहे हैं।
ज्ञापन में बताया गया कि 1993-94 में आरंग क्षेत्र के ग्राम भानसोज में खोली गई सरकारी शराब भट्ठी (Bhansoj Anti Bhatti Protest) के खिलाफ गांवों ने गांधीवादी आंदोलन चलाया था, जिसे किसान संघर्ष समिति के संयोजक भूपेंद्र शर्मा के नेतृत्व में सफलता मिली थी।
उसी आंदोलन से जुड़े गांव — नारा, खम्हरिया, टेकारी, कुंडा, अमेरी, संकरी, जावा, नगपुरा, बड़गांव, चंदखुरी, जरौद, उमरिया, मालीडीह, बरछा, खौली आदि — ने अब पुनः संगठित होकर असामाजिक गतिविधियों के विरुद्ध एकजुट होने का संकेत दिया है।
ज्ञापन (Bhansoj Anti Bhatti Protest) में नारा की सरपंच मीना जांगड़े, खम्हरिया के गजेंद्र निषाद, अमेरी के सूरज शर्मा, संकरी की लीना वर्मा, टेकारी की हेमा राजू यादव, डिघारी की ज्योति निषाद, जनपद सदस्य कृष्णा महेश साहू, जिला पंचायत सदस्य कविता कश्यप के प्रतिनिधि सहित दर्जनों जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों के हस्ताक्षर हैं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र प्रभावी कार्यवाही नहीं हुई, तो क्षेत्र में एक बार फिर बड़ा जनांदोलन खड़ा किया जाएगा।