सीजी भास्कर, 27 मई। शातिर अपराधी को पकड़ने आई नोएडा पुलिस पर फायरिंग के दौरान एक सिपाही की मौत हो गई थी। इस मामले में जिस हिस्ट्रीशीटर को नोएडा पुलिस पकड़ने आई थी, उसको गाजियाबाद पुलिस ने जेल भेजा है। जेल से सूचना मिली है कि यह हिस्ट्रीशीटर जेल में आराम से सोया और खाना भी खाया।
गाजियाबाद के थाना मसूरी इलाके के गांव नाहिल में गौतमबुद्ध नगर के थाना फेस 3 की टीम शातिर बदमाश कादिर को पकड़ने आई थी। कादिर को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। इसी दौरान कादिर के चिल्लाने और शोर मचाने पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गए थी। जिन्होंने कादिर को छुड़ाने के लिए पुलिस पार्टी पर अंधाधुंध फायर किए थे। इसके बाद पथराव भी किया गया था।
कादिर को जेल से क्यों नहीं लगा डर?
इसी दौरान नोएडा पुलिस के कांस्टेबल सौरभ के सिर में गोली लगी थी और सौरभ घायल हो गया था। घायल कांस्टेबल सौरभ की अस्पताल में मौत हो गई थी।
कादिर को थाना मसूरी पुलिस ने गिरफ्तार करके 26 मई कोर्ट में पेश किया था। अदालत ने ज्यूडिशियल कस्टडी में कादिर को जेल भेजा था। जेल सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक जेल की मुलाहिजा बैरक में कादिर आराम से सोया और उसने खाना भी खाया।
कादिर एक पेशेवर मुजरिम है। थाना मसूरी में उसकी हिस्ट्रीशीट खुली हुई है।उसकी हिस्ट्रीशीट का नंबर A183 है। कबीर पर कुल 23 मुकदमे हैं। जिस कारण से वह पेशेवर अपराधी माना जाता है। कोई भी व्यक्ति जब पहली बार जेल जाता है तो डर के मारे ना उस को नींद आती है, न ही वह खाना खाता है।
क्या कहते हैं नियम?
किसी भी अपराधी को जब जेल लाया जाता है तो उसको पहले 10 दिन मुलाहिजा बैरक में रखा जाता है। जहां कैदी का अध्ययन किया जाता है, उसकी मेडिकल की जांच की जाती है। उसके बाद अपराधी को बैरक अलॉट होती है। जेल में अगर कोई कैदी खाना खाने से इनकार करता है तो उसके खिलाफ जेल प्रशासन मुकदमा भी दर्ज करवा सकता है।