चंडीगढ़, 1 जून| GPS Tracker for Criminals : जम्मू-कश्मीर के बाद अब पंजाब में भी नशा तस्करों की गतिविधियों पर डिजिटल निगरानी का दौर शुरू होने जा रहा है। पंजाब पुलिस जल्द ही जमानत पर रिहा होने वाले संगठित नशा तस्करों के टखनों पर GPS ट्रैकर एंक्लेट (घड़ी जैसा इलेक्ट्रॉनिक उपकरण) लगाने की तैयारी कर रही है।
राज्य के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने बताया कि कानूनी राय और आवश्यक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद यह प्रणाली सक्रिय की (GPS Tracker for Criminals)जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अदालत से जमानत लेते समय ही पुलिस जीपीएस ट्रैकर की अनुमति मांगेगी, ताकि पुनः अपराध करने वालों पर निगरानी रखी जा सके।
“नशे का कारोबार पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है, लेकिन हमने बहुत हद तक इसे काबू में किया है। अब समय है निगरानी को डिजिटल स्तर पर ले जाने का,” — गौरव यादव, DGP पंजाब
जम्मू-कश्मीर में सफल रहा प्रयोग
GPS ट्रैकर का यह प्रयोग भारत में पहली बार 2023 में जम्मू-कश्मीर में आतंक के आरोपी पर किया गया था। अब तक वहां 6-7 मामलों में आतंकवाद और नशा-तस्करी से जुड़े आरोपियों पर यह ट्रैकर लगाया जा चुका है, जिससे उनकी गतिविधियों पर 24×7 नज़र रखी जा रही है।
क्या है GPS ट्रैकर एंक्लेट?
यह एक छोटा-सा ट्रैकिंग डिवाइस होता है, जिसे टखने, गले या हाथ पर बांधा जा सकता है। यह व्यक्ति की लोकेशन को रीयल टाइम में रिकॉर्ड करता (GPS Tracker for Criminals)है और यदि कोई इसे हटाने या नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो यह अलार्म बजा देता है। इसे बिना तोड़े हटाना संभव नहीं होता।
अंतरराष्ट्रीय मिसालें
अमेरिका, इंग्लैंड और मलेशिया जैसे देशों में यह तकनीक काफी पहले से इस्तेमाल हो रही है, खासकर ड्रग तस्करी, यौन अपराध और आतंकवादी मामलों में। भारत में यह कदम अब कानूनी और तकनीकी स्तर पर एक नई दिशा तय करेगा।