सीजी भास्कर, 17 जून |
कोतरारोड़ थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की रहस्यमयी मौत के मामले का पुलिस ने खुलासा करते हुए हत्या को दुर्घटना दिखाने की गहरी साजिश को बेनकाब कर दिया है। 4 जून को मेडिकल कॉलेज रायगढ़ से पुलिस को उसरौट निवासी 24 वर्षीय जलेश्वर सारथी की मौत की सूचना मिली थी, जिस पर थाना कोतरारोड़ में धारा 194 बीएनएस के तहत जांच शुरू की गई।
शुरुआती जांच में मृतक के परिजनों और गांव के लोगों से पूछताछ की गई, जिसमें यह जानकारी सामने आई कि मृतक को आखिरी बार 2 जून की रात गांव के ही सत्यनारायण सिदार के घर देखा गया था। संदेह की सुई तब घूमी जब कुछ ग्रामीणों ने पुलिस को बताया कि किशन सिदार उर्फ भूरू नामक युवक गांव के नाले की रेलिंग पर पानी छिड़कते हुए देखा गया था। पुलिस द्वारा भूरू से पूछताछ करने पर उसने बताया कि वह सत्यनारायण सिदार के कहने पर मृतक जलेश्वर के खून से सने जूते और नाले की रेलिंग पर पानी डालकर सबूत मिटा रहा था।
क्या था पूरा मामला?
इस खुलासे के बाद जब पुलिस ने सत्यनारायण से फिर से कड़ाई से पूछताछ की, तो उसने कबूल किया कि 2-3 जून की रात वह और उसका भाई कृपाराम सिदार झगड़ा कर रहे थे। उसी समय जलेश्वर बीच-बचाव करने आया था, जिसे सत्यानारायण ने घर के आंगन में टांगी से वार कर घायल कर दिया था और उसे मृत समझकर घर के लोगों ने घटना को एक्सीडेंट का रूप देने की साजिश रची।
ऐसे रची गई पूरी साजिश
इसमें सत्यनारायण के साथ उसके भाई कृपाराम, डिलेश्वर, भाभी लक्ष्मीन सिदार और एक विधि से संघर्षरत बालक भी शामिल था। इन सभी ने मिलकर घायल जलेश्वर को घर के पीछे से उठाकर गांव के नाले के पास ले जाकर लिटा दिया और फिर किशन सिदार उर्फ भूरू को रुपये का लालच देकर छिड़काव मशीन से खून के सबूत मिटवाए। हत्या को छिपाने की इस चालाकी के पीछे की नीयत को पुलिस ने तकनीकी साक्ष्य, बारीकी से पूछताछ और सटीक सूझबूझ से उजागर कर दिया।