सीजी भास्कर, 17 जून : Smartphone Fraud : देश में साइबर ठगी के लिए कुख्यात झारखंड के जामताड़ा में साइबर थाने की पुलिस की जांच में पता चला है कि साइबर ठग एक ही स्मार्ट फोन से 50 से 60 लाख रुपये तक की ठगी कर चुके होते हैं। यदि एक साल के आंकड़े एकत्रित किए जाएं तो यह राशि करोड़ों में पहुंच जाएगी। यह स्थिति दर्शाती है कि स्मार्ट फोन साइबर ठगों के लिए बड़ा हथियार बन चुका है।
पहले साइबर अपराधियों द्वारा ठगी के आंकड़ों का सही-सही मूल्यांकन आसानी से नहीं हो पाता था। पिछले कुछ महीनों के दौरान इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर(आइसीसीसीसी) पुलिस को आसानी से अपराधी का क्राइम रिकार्ड उपलब्ध करवा पाने में सक्षम साबित हो रहा (Smartphone Fraud)है। एक ऐसा भी अपराधी जामताड़ा पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है, जिस पर 2644 बार अलग-अलग जगहों पर लोगों को ठगने के आरोप में केस दर्ज हुआ है।
मोबाइल से पता चल रहा ठगी का राज
अमूमन पुलिस को साइबर अपराधियों के पास औसतन दो से तीन मोबाइल बरामद होते हैं। हालांकि, इनके पास से ठगी के लिए इस्तेमाल होने वाले सिम की संख्या औसत चार से पांच और कई बार दर्जनों में होती (Smartphone Fraud)है। विश्वस्त पुलिस सूत्रों के अनुसार, अपराधी एक ही मोबाइल पर कई फर्जी सिम का इस्तेमाल साइबर ठगी के लिए करता है। ऐसे में एक ही मोबाइल से ठगी के ये आंकड़े अपराधी के पकड़ने नहीं जाने तक कई लाख में पहुंच जाती है।
इस वर्ष जून के पहले हफ्ते तक जामताड़ा पुलिस ने 43 केस दर्ज कर लगभग 130 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। उनके पास से 410 से भी ज्यादा मोबाइल बरामद हो चुके हैं। प्रति मोबाइल ठगी का औसत पांच लाख रुपये भी माने तो यह रकम 20 करोड़ 50 लाख रुपये होती है।