20 जून 2025 :
प्रधानमंत्री मोदी का बिहार दौरा काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए बिहार की सत्ता में है और उसे बचाए रखने की कवायद में पीएम मोदी जुटे हुए हैं. बीजेपी लालू यादव और शहाबुद्दीन के मजबूत दुर्ग को भेदने की हर संभव कोशिश में जुटी है. जिसके लिए ही पीएम मोदी की सिवान में जनसभा कराने की रूपरेखा बनाई है.
बिहार विधानसभा चुनाव का भले ही औपचारिक ऐलान न हुआ हो, लेकिन सियासी समीकरण सेट किए जाने लगे हैं. पीएम मोदी एक बार फिर से बिहार के दौरे पर पहुंच रहे हैं, जहां विकास की सौगात देने के साथ-साथ सियासी माहौल बनाने की कवायद करेंगे. पीएम मोदी शुक्रवार को शहाबुद्दीन के गढ़ रहे सिवान से चुनावी हुंकार भरेंगे, जहां से सिर्फ सिवान ही नहीं बल्कि सारण और गोपालगंज की सीटों का दांव चलेंगे. ऐसे में सवाल उठता है कि आरजेडी प्रमुख लालू यादव के मजबूत दुर्ग माने जाने वाले बिहार के सारण मंडल की सियासी तस्वीर बीजेपी बदल पाएगी?
पीएम मोदी शुक्रवार से अपने दो दिन के दौरे में बिहार, ओडिशा और आंध्र प्रदेश में जाएंगे. प्रधानमंत्री पहले दिन बिहार और उसके बाद ओडिशा में कई विकास परियोजनाओं की सौगात देंगे तो शनिवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आंध्र प्रदेश में सामूहिक योग कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. पीएम मोदी का बिहार दौरा काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. बीजेपी के नेतृत्व वाला एनडीए बिहार की सत्ता में है और उसे बचाए रखने की कवायद में पीएम मोदी जुटे हुए हैं.
पीएम मोदी सिवान से देंगे विकास की सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल पांचवीं बार शुक्रवार को बिहार दौरे पर पहुंच रहे हैं और लोकसभा चुनाव के बाद उनका छठा और बीस दिन में दूसरा दौरा है. इस बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद की धरती सिवान से चुनावी हुंकार भरेंगे. सिवान से 5736 करोड़ रुपये की 22 विकास परियोजनाओं का पीएम मोदी शिलान्यास और उद्घाटन करेंगे, इस दौरान पाटलिपुत्र जंक्शन और गोरखपुर के बीच वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे.
पीएम मोदी बिहार में 500 मेगावाट क्षमता की बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली की आधारशिला रखेंगे और साथ ही 3000 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से जलापूर्ति, स्वच्छता और एसटीपी की सौगात देंगे. पीएम मोदी बिहार में पीएम आवास योजना के 53,600 से अधिक लाभार्थियों को पहली किस्त जारी करेंगे. साथ ही 6684 शहरी गरीब परिवारों को पक्के मकान की चाबी सौंपकर गृह प्रवेश भी कराया जाएगा. इस तरह विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने बिहार के लिए अपने खजाने का द्वार खोल दिया है.
सिवान से सारण बेल्ट को साधने का बीजेपी प्लान
बिहार को विकास की सौगात देने के साथ-साथ पीएम मोदी सिवान जिले के जसौली गांव में एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे. इस तरह पीएम मोदी सिवान ही नहीं सारण प्रमंडल के सभी जिले सारण, सीवान और गोपालगंज को साधते हुए नजर आएंगे. केंद्र में एनडीए सरकार के तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पिछले नौ महीनों में यह प्रधानमंत्री का छठा बिहार दौरा होगा. इससे पहले वे दरभंगा, जमुई, भागलपुर, झंझारपुर और विक्रमगंज का दौरा करके सियासी माहौल बनाने का काम कर चुके हैं और अब सिवान से सारण बेल्ट को साधने की कवायद मानी जा रही है, जो लालू यादव का गढ़ माना जाता है.
लालू यादव के दुर्ग की तस्वीर बदल पाएगी बीजेपी
सारण प्रमंडल को आरजेडी का मजबूत गढ़ माना जाता है. सिवान, सारण और गोपालगंज जिले में करीब 24 विधानसभा सीटें आती हैं, जहां पर महागठबंधन का दबदबा है. बीजेपी लालू यादव के इस मजबूत दुर्ग को भेदने की हर संभव कोशिश में जुटी है, जिसके लिए ही पीएम मोदी की सिवान में जनसभा कराने की रूपरेखा बनाई है. सिवान में दिवंगत मोहम्मद शहाबुद्दीन की लिगेसी है तो छपरा लालू प्रसाद यादव का संसदीय क्षेत्र रहा है और वह वहां से चुनाव भी जीते हैं. इसके अलावा गोपालगंज में लालू यादव की पार्टी का दबदबा रहा है.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में सिवान जिले की आठ विधानसभा सीटों में से छह पर महागठबंधन ने जीत दर्ज की थी, जबकि केवल दो सीटें एनडीए के खाते में गई थी. 8 सीटों में बीजेपी को दो, माले को दो, आरजेडी को तीन और कांग्रेस को एक सीट मिली थी. इसी तरह से गोपालगंज जिले की 6 सीटों में से 3 सीट महागठबंधन और तीन सीट एनडीए जीती थी. सारण जिले की 10 विधानसभा सीटों में से महागठबंधन 7 सीटें जीतने में कामयाब रही तो एनडीए को सिर्फ तीन सीटों से संतोष करना पड़ा था. इस तरह से सारण बेल्ट की 24 सीटों में से 16 सीटें महागठबंधन और 8 सीटें एनडीए ने जीती थी.
शहाबुद्दीन के सियासी तिलिस्म को तोड़ने का प्लान
सिवान बाहुबली रहे शहाबुद्दीन का गढ़ माना जाता है, यहां पर मुस्लिम वोटर करीब 25 फीसदी है तो यादव वोट भी अहम है. इस तरह यादव-मुस्लिम समीकरण के सहारे आरजेडी का दबदबा सिवान में रहा. इसके अलावा सारण और गोपालगंज इलाके में राजपूत और यादव वोटर भी काफी महत्वपूर्ण हैं, जिसके जरिए लालू यादव ने अपना वर्चस्व बनाए रखा. शहाबुद्दीन के बेटे ओसामा के आरजेडी में शामिल होने के बाद सिवान में आरजेडी ने फिर से अपने किले को मजबूत किया. इसके चलते सिवान, सारण और गोपालगंज के तीन जिलों में बीजेपी के लिए चुनौतियां अभी भी कम नहीं हैं, लेकिन अब प्रधानमंत्री मोदी के दौरे से एनडीए को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है.
पार्टी ने सिवान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत लगा दी है. सिवान,गोपालगंज और सारण के 24 विधानसभा क्षेत्र के एनडीए नेताओं को बड़ी जिम्मेदारी दी गई है. राजनीतिक विश्लेषक की माने तो सिवान के सियासी समीकरण के चलते ही पीएम मोदी की रैली रखी गई है क्योंकि यह इलाका सारण प्रमंडल का हिस्सा है, जहां महागठबंधन का दबदबा एनडीए से काफी ज्यादा है. ऐसे में प्रधानमंत्री की रैली को एनडीए के लिए सियासी माहौल बदलने और जनसमर्थन जुटाने की बड़ी रणनीति माना जा रहा है.
पीएम मोदी की रैली से सिर्फ सिवान ही नहीं बल्कि पड़ोसी गोपालगंज और सारण जिलों में सियासी माहौल बनाने की स्ट्रैटेजी है. ये तीनों जिले भले ही अलग-अलग हों, लेकिन एक ही भोजपुरी भाषी क्षेत्र में आते हैं. जहां एक जिले का प्रभाव दूसरे पर भी होता है. इसलिए एनडीए ने पूरे इलाके के 24 विधानसभा क्षेत्रों के नेताओं को रैली को सफल बनाने की जिम्मेदारी सौंपी है, जिससे यह अभियान पूरे क्षेत्र में जोर-शोर से चले.